गुजरात में गरबा रुके नहीं, इसलिए बना दी PPE वाली ऐसी पोशाक, प्रधानमंत्री मोदी के चित्र छापे
गांधीनगर। गुजरात सरकार ने पिछले दिनों घोषणा कर दी थी कि, इस साल गरबे के कार्यक्रम नहीं होंगे। कोरोना महामारी को देखते हुए दशहरे-मेलों पर भी प्रतिबंध रहेगा। साथ ही प्रसाद-भंडारे और विभिन्न तरह की नृत्य शालाएं भी आयोजित नहीं होने दी जाएंगे। लोग अपने घर पर ही दिवाली सेलिब्रेशन एवं देवी मूर्ति-स्थापना कर सकेंगे। ऐसे में गरबा-नृत्य आयोजित हो ही, इसके लिए गरबा प्रेमी तरह-तरह के उपाय सोच रहे हैं। यहां एक शख्स ने पीपीई किट की थीम पर प्लास्टिक के आवरण वाली खास पोशाक तैयार की है। जिसे नवरात्रि के सीजन में गरबे के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
इस खास तरह की पोशाक के बारे में बताते हुए अहमदाबाद के एक गरबा नर्तक अनुज मोदिलायर ने कहा कि, "सरकार द्वारा गरबा पर प्रतिबंध लगा दिया गया। अब पीपीई आधारित गरबा ड्रेस के जरिए, मैं कोरोना योद्धाओं जैसे डॉक्टरों, पुलिस, राजनेताओं आदि को धन्यवाद देना चाहता हूं। इसलिए इन्हें इस ड्रेस पर चित्रित किया है। इस खास ड्रेस के जरिए गरबा करते वक्त कोरोना से बचा जा सकता है।"
वहीं, राज्य में प्लॉट मालिकों से लेकर गरबा आयोजन से जुड़े अन्य कारोबार को 150 करोड़ रुपए तक का नुकसान होने का अंदाजा लगाया जा रहा है। गरबा न होने के चलते कई व्यापारी सामग्री न बिकने को लेकर चिंतित हैं। मालूम हो कि, नवरात्रि के दौरान अहमदाबाद के ज्यादातर पार्टी प्लॉटों में लोगों की भारी भीड़ उमड़ती थी। साथ ही साथ नवरात्रि में पार्टी प्लॉटों में दिवाली जैसा माहौल देखने को मिलता था, लेकिन इस बार पार्टी प्लॉटों में नवरात्रि पर गरबा की मंजूरी न मिलने से इसके साथ जुड़े कारोबार को करोड़ों का नुकसान होने की बात कही जा रही है।