3 महीने में गुजरात से मिलीं 30 एशियाई शेरों की लाशें, रहस्यमयी मौतों का पता लगाने दिल्ली से आई स्पेशल टीम
अहमदाबाद। गुजरात में बीते तीन महीने में 30 शेरों की लाशें मिल चुकी हैं। यहां खांभा, तुलसीश्याम, हडाला, सावरकुंडला, दलखाड़िया जैसे इलाकों में कई एशियाई शेर अकाल मौत मरे। जिनमें से ज्यादातर नर थे। वन विभाग के अधिकारी अभी तक शेरों की मौत के कारण जानने में असफल रहे थे, लेकिन कुछ शेरों की लाशों में बेबसिया नामक रोग के लक्षण पाए गए। जिसके चलते केंद्रीय वन विभाग के संयुक्त निदेशक, इंडियन वेटरनरी इंस्टीट्यूट के सदस्य, वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की टीम दिल्ली से गुजरात आई है। यह टीम अब जांच-पड़ताल कर रही है।
कैसे हो रहीं मौतें, इसकी पड़ताल की जा रही
राज्य के धारी गीर पूर्व में एशियाई शेरों की रहस्यमयी मौतें हुईं। वन विभाग के कर्मी उनकी लाशें लेकर दफनाने ले जाते रहे। इसी तरह प्रारंभ में वन विभाग द्वारा इन मौतों को रूटीन डेथ कहा जाता रहा। मगर, अब यहां पहुंची केंद्र की टीम विविध पोस्टमार्टम और चिकित्सा सहित विविध पहलुओं की बारीकी से निरीक्षण कर रही है।
कहां-कहां मिले शव, वनकर्मियों से जानकारी मांगी
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली से तीन सदस्यों की टीम जांच के लिए गुजरात आई है। इस टीम ने गुजरात पहुंच कर सबसे पहले जूनागढ़ के सक्करबाग चिड़िया घर का निरीक्षण किया। इसके बाद सासन गिर के जंगलों के लिए रवाना हो गई। जहां टीम ने शेरों की मौतों के बारे में वनकर्मियों से जानकारी मांगी। टीम उन अस्पतालों में भी जा रही है, जहां शेरों का इलाज किया गया था।
1 दिन में 4 एशियाई शेर मरे पाए गए
राज्य में हाल ही एक दिन के भीतर 4 एशियाई शेरों के शव मिले थे। जिनमें से 2 शेरों के शव अमरेली जिले के धारी गिर पूर्व जोन में मिले, जबकि एक शावक खांभा पीपलवा राउंड के डंकीवाला इलाके में मृत पड़ा मिला। वहीं, सावरकुंडला के मितियाणा अभ्यारण्य में भी शेरनी का शव पाया गया।
गुजरात: शेरनी ने एक साथ 4 शावकों को जन्म दिया, 10 दिनों में यहां जन्मे 21 शेर, VIDEO