गुजरात विधानसभा चुनाव: बॉलीवुड का फार्मूला चुराकर चुनावी तड़का मार रहे राहुल गांधी
नई दिल्लीः गुजरात में वजूद खो चुकी कांग्रेस खोई साख वापस पाने के लिए लड़ रही है। पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुजरात में तूफानी प्रचार कर रहे हैं। वो कभी मंदिरों में माथ टेक रहे हैं तो कभी रेस्टोरेंट में कठियावाड़ी थाली खाते दिख रहे हैं। एकदम बॉलीवुड की किसी मूवी के हिट फार्मूले पर चलते हुए राहुल गांधी ने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताया तो कांग्रेसी जोश से लबालब भर गए। यूं तो राजनीति में आए राहुल गांधी को लंबा अरसा हो गया है, लेकिन जितनी सुर्खियां वह आज बटोर रहे हैं, उतनी शायद ही उन्हें कभी मिलीं हों। कभी उनकी कार पर लड़की चढ़ना तो रेस्टोरेंट में लड़की का उनके पास आकर बैठ जाना। मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने जब राहुल से पूछा कि पीएम बनने के बाद शादी करोगे, या शादी करके पीएम बनोगे? तो नेशनल मीडिया में सिर्फ राहुल ही राहुल छा गए। जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बता डाला। एक बात तो साफ है 'पार्ट टाइम पॉलिटिशयन' मतलब राहुल गांधी अब 'फुल टाइम पॉलिटिशयन' बन गए हैं।
बॉलीवुड स्टाइल में राजनीतिक प्रचार क्यों?
राहुल गांधी को राजनीति में काफी समय हो चुका है, लेकिन उन्हें वैसी सफलता नहीं मिल पाई है, जैसी कि गांधी परिवार के चश्मोचिराग से लोगों ने उम्मीद लगा रखी थी। कुल मिलाकर कहें तो राहुल गांधी की शख्सियत भी पारंपरिक राजनेता की नहीं। यही कारण है कि कांग्रेस की चुनावी स्क्रिप्ट लिखने वाले इस बार 'जरा हटकर' वाली रणनीति अपना रहे हैं। भरूच में लड़की का राहुल गांधी की कार पर चढ़ जाना। वापी के रेस्टोरेंट में लड़की का उनके पास सेल्फी के लिए आना। चुनावी सभाओं में राहुल गांधी का फिल्मी जुमलों का इस्तेमाल करना। ये सब किसी बॉलीवुड की फिल्मी की कहानी सा लगता है। इसमें शक नहीं कि नए अवतार में राहुल गांधी सुर्खियां बटोर रहे हैं, लेकिन चुनावों में इसका कितना फायदा मिलेगा, यह देखने वाली है।
राहुल गांधी के नए 'सुपर अवतार' के पीछे है ये शख्स
2014 लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी के प्रचार की कमान संभालने वाले प्रशांत किशोर अपनी रणनीति का लोहा बिहार चुनाव में भी मनवा चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी के इमेज ओवर की स्क्रिप्ट प्रशांत किशोर ही लिख रहे हैं। वह राहुल गांधी को यूथ आइकॉन के तौर पर पेश कर रहे हैं। एक समय अरविंद केजरीवाल ने पूरे देश के युवाओं पर गहरी छाप छोड़ी थी।
राहुल गांधी का इमेज मेकओवर शायद उसी खाली स्पेस को भरने की कवायद है
एक समय अरविंद केजरीवाल ने पूरे देश के युवाओं पर गहरी छाप छोड़ी थी। वो बात और है कि वह उसे कायम नहीं रख सके। सत्ता को चुनौती देने वाले शख्स के तौर पर राहुल गांधी का इमेज मेकओवर शायद उसी खाली स्पेस को भरने की कवायद है, जहां कुछ समय के लिए केजरीवाल बैठे थे।
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