Gorakhpur News: गोरखपुर चिड़ियाघर की शान बढ़ाएगा गुजरात का भेड़िया
गोरखपुर प्राणी उद्यान में जल्द ही एक जोड़ी भेड़िये का आगमन होगा। यह भेड़िया गुजरात के गिर जंगलों के बीच स्थित जूनागढ़ जिले के शक्करबाग प्राणी उद्यान से लाया जाएगा।लुप्तप्राय भारतीय भेड़िया जूनागढ़ जिले के शक्करबाग प्राणी
गोरखपुर,14 अगस्त:
गोरखपुर प्राणी उद्यान में जल्द ही एक जोड़ी भेड़िये का आगमन होगा। यह भेड़िया गुजरात के गिर जंगलों के बीच स्थित जूनागढ़ जिले के शक्करबाग प्राणी उद्यान से लाया जाएगा।लुप्तप्राय भारतीय भेड़िया जूनागढ़ जिले के शक्करबाग प्राणी उद्यान में संरक्षित किए जा रहे हैं। प्राणी उद्यान अधिकारी भेड़ियों को जल्द गोरखपुर लाने को प्रयासरत हैं।
गोरखपुर प्राणी उद्यान के वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ डॉ. योगेश प्रताप सिंह कहते है कि चार भेड़िए के लिए यहां बाड़ा है। प्राणी उद्यान की कोशिश है कि जल्द ही उस बाड़े में भेड़िया लाया जाए। भारतीय भेड़िया वन्यजीव अधिनियम की धारा 1972 के अंतर्गत सेड्यूल वन में संरक्षित है। भारतीय भेड़िया लुप्त होने की कगार पर हैं। केंद्रीय प्राणी उद्यान प्राधिकरण ने उन्हें बचाने के लिए शक्करबाग प्राणी उद्यान में साल 2014-15 में ग्रे रंग के भारतीय भेड़ियों का ब्रीडिंग सेंटर शुरू किया। तब से ही इस प्राणी उद्यान में भेड़ियों की आबादी बचाने की कोशिशें जारी हैं।
जंगल की बाउंड्री पर नदी और नाले के निकट रहने वाले भेड़िये जंगल और आबादी के बीच एक चारदीवारी बनाते हैं। ये हमेशा अशक्त वन्यजीव को शिकार बनाते हैं। खास कर ऐसे जानवर जिनसे मनुष्यों में रोग फैल सकता है, उन्हें शिकार बना कर बीमारियों का प्रसार भी थामते हैं। इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत होती है। घास के मैदान निकट रहने के कारण ये घास का मैदान का संरक्षण करते हैं जिससे नदी के पानी से जंगल में कटान कम होती है।
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वृक या भेड़िया एक कुत्ते के रूप का जंगली जानवर है। वैज्ञानिक नज़रिए से भेड़िया कैनिडाए पशु परिवार का सबसे बड़े शरीर वाला सदस्य है। किसी ज़माने में भेड़िये पूरे यूरेशिया, उत्तर अफ्रीका और उत्तर अमेरिका में पाए जाते थे लेकिन मनुष्यों की आबादी में बढ़ौतरी के साथ अब इनका क्ष्रेत्र पहले से बहुत कम हो गया है। जब भेड़ियों और कुत्तों पर अनुवांशिकी अध्ययन किया गया तो पाया गया के कुत्तों की नस्ल भेड़ियों से ही निकली हुई हैं, यानि दसियों हज़ार वर्ष पहले प्राचीन मनुष्यों ने कुछ भेड़ियों को पालतू बना लिया था जिनसे कुत्तों के वंश की शुरुआत हुई। वर्त्तमान में इनकी 38 उपप्रजातिया ज्ञात है।