गोरखपुर में डबल मर्डर के बाद फूटा ग्रामीणों का गुस्सा, बसों में की तोड़फोड़ और पुलिस पर किया पथराव
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में रविवार 24 मई की दोपहर चचेरे भाइयों दिवाकर (26) और कृष्णा (24) को अज्ञात बदमाशों ने गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना के चश्मदीद मुकेश को पुलिस ने सोमवार (25 मई) को हिरासत में ले लिया था और उससे पूछताछ के आधार पर पुलिस जांच को आगे बढ़ा रही है। वहीं, इस मामले में अभी तक गिरफ्तारी ना होने पर बुधवार को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। गुस्साए ग्रामीणों ने प्रवासी मजदूरों को ले जा रही बसों के शीशे तोड़ दिए और चक्का जाम कर दिया। इस दौरान गुस्साएं लोगों को समझाने गई पुलिस पर पत्थरबाजी भी हुई। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा।
गिरफ्तारी को लेकर कर रहे थे प्रदर्शन
27 मई को डबल मर्डर केस में कोई गिरफ्तारी नहीं होने पर झंगहा क्षेत्र ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दी। सड़क जाम की सूचना पर पहुंची पुलिस ने जब लोगों को समझाने की कोशिश की तो वे उग्र होकर पथराव करने लगे। इस बीच ग्रामीणों ने सीओ कैंट इंस्पेक्टर खोराबार की गाड़ी पर ईंट पत्थर बरसाकर क्षतिग्रस्त कर दिया। इस झड़प में चार रोडवेज की बस और 2 निजी कार भी तोड़ी गई है। वहीं सूचना पर कई थाने की फोर्स पहुंच गई और ग्रामीणों को खदेड़कर कई लोगों को हिरासत में लिया। मौके पर एसपी नार्थ अरविंद कुमार पांडेय, एसपी सिटी डॉक्टर कौस्तुभ, क्षेत्राधिकारी रचना मिश्रा, सीओ कैंट सुमित शुक्ला, कैंट, खोराबार, चौरीचौरा सहित चार थानों की पुलिस मौजूद है। पथराव में सीओ रचना मिश्रा के पैर में चोट आई है।
ये है पूरा मामला
गोरखपुर जिले के झंगहा इलाके में रविवार (24 मई) की दोपहर तीन बजे चचेरे भाइयों दिवाकर (26) और कृष्णा (24) को बदमाशों ने गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना के चश्मदीद मुकेश को पुलिस ने सोमवार को हिरासत में ले लिया और उससे पूछताछ के आधार पर पुलिस जांच को आगे बढ़ा रही है। बता दें कि कृष्णा और मुकेश की पुरानी दोस्ती थी। मगर दिवाकर मुकेश से दूर ही रहता था। मुकेश ने कृष्णा को फोन किया और फिर कृष्णा के बुलाने पर ही दिवाकर भी साथ चला गया था। फिर वहां पर दावत के दौरान दोनों की हत्या हो गई।
कई अहम सुराग लगे है हाथ
मुकेश से पूछताछ में पुलिस को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। मुकेश से पूछताछ में पता चला है कि शराब पार्टी में एक और शख्स शामिल था जिसके बुलाने पर ही अन्य लोग आए और हत्या की गई। जांच में पता चला है कि बंधे के किनारे चारों ने करीब ढाई घंटे तक शराब पी। यही नहीं, शराब खत्म होने पर उनका दोस्त शराब लेकर दोबारा आया था और वह पेट खराब होने की बात कहते हुए कई बार नदी के किनारे भी गया था। मुकेश की मानें तो उसी ने एक साजिश के तहत बदमाशों को बुलाया था
चार से पांच थे बदमाश
मुकेश ने पुलिस को बताया कि बदमाशों की संख्या चार से पांच की थी। वे अचानक सामने आ गए और किसी को संभलने तक का मौका नहीं मिला। असलहों से लैस बदमाशों ने दिवाकर और कृष्णा पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। मुकेश ने कहा कि वह खुद उनसे जान बचाकर वहां से भागा था। फिलहाल मुकेश के भागने की पुष्टि तो चरवाहे भी कर रहे थे। हालांकि पुलिस को मुकेश की इस कहानी पर ज्यादा यकीन नहीं हो रहा है क्योंकि यदि बदमाश ताबड़तोड़ फायरिंग करते तो गोली किसी और को भी लग सकती थी जबकि ऐसा नहीं हुआ है।
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