गोरखपुर में स्वाइन फ्लू ने दी दस्तक, पॉजिटिव मिले 11 मरीज, दो की हो चुकी है मौत
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में भी स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है। अब तक 11 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, दो लोगों की लखनऊ में इलाज के दौरान कुछ दिन पूर्व मौत हो चुकी है, लेकिन लगातार मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से ऐसे मरीजों के इलाज की व्यापक व्यवस्था नहीं की गई है।
दहशत में है यूपी के लोग
एनसीआर और पश्चिमी यूपी के साथ पूर्वी यूपी में भी स्वाइन फ्लू की दस्तक से लोग दहशत में हैं। इसका पता उस समय चला जब लखनऊ के एक कॉलेज में तैनात असिस्टेंट प्रोफेसर की जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती किया गया। हालांकि, लखनऊ में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर की इस वायरस की चपेट में आने के कारण मौत हो गई। उनका पता गोरखपुर के हुमायूंपुर का होने के कारण गोरखपुर के लोग दहशत में आ गए।
11 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि से हड़कंप
उसी दौरान गोरखपुर के गगहा के एक स्कूल में तैनात शिक्षक की भी इसके वायरस में चपेट में आने के कारण मौत हो गई। हालांकि, उनकी मौत लखनऊ में ही इलाज के दौरान हुई है। वहीं, एक-एक कर 11 मरीजों में इस बीमार की चपेट में आने से हड़कंप मच गया। इसमें दो मासूमों के साथ महिला और पुरुष के भी चपेट में आने की पुष्टि डॉक्टरों ने कर दी। ज्यादातर मरीजों को इलाज कराने के लिए लखनऊ रेफर कर दिया गया है।
इलाज के लिए इंतजाम नाकाफी
बीआरडी मेडिकल कॉलेज और जिला चिकित्सालय में स्वाइन फ्लू के मरीजों के इलाज के लिए जो इंतजाम किए गए हैं वो नाकाफी हैं। स्वाइन फ्लू को लेकर अलर्ट के बाद भी बीआरडी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में तैयारियां मुकम्मल नहीं हुई हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के वार्ड नम्बर छह के बाहर एक कमरे के आठ बेड का स्वाइन फ्लू वॉर्ड बनाया गया है। जिला अस्पताल में स्वाइन फ्लू वार्ड इमरजेंसी के बगल में गलियारे में बनाया गया है। प्लास्टिक से वॉर्ड के एक हिस्से को ढका गया है।
देश से बाहर से आए लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि
शहर के चरगावां, शिवपुर-साहबाजगंज, खोराबार, गोरखनाथ, पादरी बाजार इलाके से मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि के बाद से लोग दहशत में हैं। ग्रामीण इलाकों में ज्यादातर मरीज ऐसे हैं जो देश से बाहर और बैंकॉक से आने के बाद उनमें स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। वहीं, कुछ दिल्ली और अन्य जगहों पर काम करते हैं और वे घर वापस लौटे थे।
सीएमओ ने लोगों से सहयोग की अपील
सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए लोगों से सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा है कि कोई भी बुखार का ऐसा मरीज जिसमें स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखाई दें, तो उसे तुरंत चिकित्सक के पास ले जाएं और उसकी जांच के साथ इलाज कराएं। स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने पर निजी चिकित्सक भी स्वास्थ्य विभाग को इसकी तत्काल सूचना दें। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू मच्छरों के काटने से नहीं होता है। ये बीमारी संक्रमण से फैलती है। बीमारी से बचाव के लिए टेमीफ्लू दवा, वैक्सीन, मास्क व सभी संसाधन उपलब्ध हैं।
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