बाहुबली राजन तिवारी गिरफ्तार,जानिए कैसे चढ़ा पुलिस के हत्थे
गैर जमानती वारंट जारी होने के 17 साल बाद भी कोर्ट में पेश न होने वाले बाहुबली राजन तिवारी को गोरखपुर की एसओजी टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। माफिया नेपाल भागने की फिराक में था,जिसे बिहार के रक्सौल की हरैया पुलिस व गोरखपुर क
गोरखपुर,18अगस्त: गैर जमानती वारंट जारी होने के 17 साल बाद भी कोर्ट में पेश न होने वाले बाहुबली राजन तिवारी को गोरखपुर की एसओजी टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। माफिया नेपाल भागने की फिराक में था,जिसे बिहार के रक्सौल की हरैया पुलिस व गोरखपुर की एसओजी टीम ने गिरफ्तार कर लिया। राजन तिवारी के खिलाफ 24 साल पहले गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई थी। जिसके बाद वह पेशी पर नहीं आ रहा था। ऐसे में माफिया राजन तिवारी की गिरफ्तारी के लिए तीन टीम गठित की गई थी।यूपी के 61 माफियाओं की सूची में शामिल है राजन ।
जानकारी के मुताबिक, 1998 में कैंट थाना पुलिस ने कुख्यात अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ल , पूर्व विधायक राजन तिवारी, अनुज सिंह समेत चार बदमाशों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की थी। इसी साल श्रीप्रकाश शुक्ल व अनुज को एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया। एक अन्य बदमाश की भी मौत हो चुकी है।इस पर 25 हजार रुपये का इनाम था। दिसम्बर 2005 में उत्तर प्रदेश की एक कोर्ट से राजन तिवारी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था।लेकिन तभी से फरार चल रहा था।गुरुवार को माफिया नेपाल भागने की फिराक में था,जिसे बिहार के रक्सौल की हरैया पुलिस व गोरखपुर की एसओजी टीम ने गिरफ्तार कर लिया।
Gorakhpur News:एसएसपी ने इंस्पेक्टर को किया लाइन हाजिर,जानिए वजह
मूल
रुप
से
गोरखपुर
का
है
राजन
मूल
रुप
से
गगहा
के
सोहगौरा
गांव
निवासी
माफिया
राजन
दो
दशक
से
बिहार
के
पूर्वी
चंपारण
जिले
में
रहता
है।
90
के
दशक
के
माफिया
डॉन
श्रीप्रकाश
शुक्ला
के
संपर्क
में
आने
के
बाद
राजन
तिवारी
का
नाम
कई
अपराधों
में
सामने
आया।
श्रीप्रकाश
शुक्ला
के
साथ
जुड़े
मामलो
भी
राजन
तिवारी
शामिल
रहे।
जिससे
उनकी
गिनती
बाहुबलियों
में
होने
लगी।
यूपी
के
महराजगंज
की
लक्ष्मीपुर
विधानसभा
सीट
से
विधायक
रहे
वीरेंद्र
प्रताप
शाही
पर
हमले
में
भी
राजन
तिवारी
का
नाम
आया
था।
इस
घटना
में
माफिया
डॉन
श्रीप्रकाश
शुक्ला
और
राजन
तिवारी
समेत
चार
लोगों
को
आरोपी
बनाया
गया
था।
कुछ
दिनों
पहले
चुपके
से
उसने
गोरखपुर
में
वापसी
करते
हुए
प्रापर्टी
डीलिंग
शुरू
की।पुलिस
को
इसकी
जानकारी
हुई
तो
उसने
और
कड़ाई
करते
हुए
अपराधी
राजन
का
नाम
प्रदेश
के
माफिया
की
सूची
शामिल
करने
के
लिए
भेज
दिया।इसका
संज्ञान
लेते
हुए
डीजीपी
मुख्यालय
ने
प्रदेश
के
61
माफिया
की
सूची
में
उसका
नाम
शामिल
कर
लिया।