दंतेवाड़ा नक्सली हमले में शहीद गोरखपुर के जवान का अंतिम संस्कार, मासूम ने दी पिता को मुखाग्नि
Gorakhpur news, गोरखपुर। छतीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में रहने वाले जवान दंतेश्वर मौर्या भी शहीद हो गए। गुरुवार को बड़हलगंज के मुक्ति पथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के मासूम बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार के दौरान बांसगांव के सांसद कमलेश पासवान, गोरखपुर के जिलाधिकारी के विजेंद्र पांडियन, एसएसपी सहित सेना के अधिकारी मौजूद रहे।
नक्सली हमले में शहीद हुए दंतेश्वर मौर्या
दंतेश्वर मौर्य पुत्र रामानुज मौर्य ग्राम माहोपार कौडीराम के निवासी थे। परिवार में पत्नी मीनाक्षी, एक बेटा आग्रह है। शहीद के दो भाई भी छत्तीसगढ़ पुलिस सेवा में हैं, बड़े भाई सुकमा में तैनात हैं और दन्तेश्वर मौर्य दंतेवाड़ा में तैनात थे। बुधवार को नक्सली हमले में बीजेपी विधायक के साथ दंतेश्वर मौर्या की भी मौत हो गई थी। दंतेश्वर छत्तीसगढ़ पुलिस में जवान के पद पर तैनात थे और गाड़ी वही चला रहा थे।
शहीद अमर रहें के लगे नारे
जब शहीद का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा तो गांव के आसपास के लोगों की उमड़ी भीड़ ने शहीद दंतेश्वर मौर्य अमर रहे के नारे भी लगाए। गांव के हर व्यक्ति की आंखें नम थी और सभी के जुबान पर शहीद दंतेश्वर मौर्य अमर रहे का नारा था। दंतेश्वर मौर्य के परिजनों का कहना है कि वह काफी मिलनसार और खुशमिजाज व्यक्ति थे। परिवार के साथ समस्त क्षेत्रवासियों को उनकी शहादत पर गर्व है।
मासूम के सिर से उठा पिता का साया
शहीद का बेटा है, जिसे अभी कुछ एहसास ही नहीं है कि उसके पिता आज इस दुनिया में नहीं है। उस मासूम को तो ये आशा है कि पापा कुछ दिन बाद छुट्टी से आएंगे और उसे गले लगा कर उसे स्नेह देंगे, लेकिन आज वो इस मासूम से बहुत दूर चले गए हैं, जहां एक तरफ एक पिता और मां ने अपना बेटा खोया, दूसरी तरफ एक पत्नी ने अपना सुहाग और एक मासूम ने अपने पिता का साया खो दिया है। शहीद के परिवारवालों ने मौके पर पहुंचे डीएम व एसएसपी से शहीद के नाम से एक स्कूल खोलने, परिवार के जीवन यापन के लिए एक पेट्रोल पंप, कौड़ीराम गजपुर मार्ग पर शहीद के नाम से गेट और गांव पर शहीद की मूर्ति स्थापित किए जाने की मांग की।
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