सरयू हादसा: गांव में रुदन और चीत्कार से पुलिस भी रोई, किसी ने नहीं मनाई होली
बेलघाट/गोरखपुर। गोरखपुर के बेलघाट थाना क्षेत्र के बेड़ली खुर्द गांव के पांच नौजवान सरयू नदी में नहाते समय डूब गए। होली पर गांव आए इन युवकों की दर्दनाक मौत से कोहराम मच गया। पोस्टमॉर्टम के बाद जब लाशें गांव लाई गईं तो परिजनों के रुदन और चीत्कार से इलाका गूंज उठा और सबकी आंखों से आंसू छलक आए। बेलघाट थाना प्रभारी अरुण पवार की आंखें भी नम हो गईं। दर्दनाक माहौल ने होली की खुशी को मातम में बदल दिया। शोक में डूबे गांव में किसी ने होली नहीं मनाई। मृतकों में सौरभ और आदर्श घर का इकलौता चिराग था।
सभी होली मनाने आए थे गांव
बेलघाट थाना क्षेत्र स्थित बेइली खुर्द गांव निवासी कृष्णमुरारी शुक्ल का 14 वर्षीय बेटा सत्यम 8वीं का छात्र था। वह गोरखपुर में पढ़ता था। कृष्णमुरारी के भाई मदन मुरारी शुक्ला का 19 वर्षीय बेटा सौरभ गोरखपुर में ही बीएससी का छात्र था। तीन दिन पहले होली की छुट्टी पर दोनों घर गए थे। गांव के ही ध्रुवनारायण शुक्ल का 16 वर्षीय बेटा नितेश भी गोरखपुर में पढ़ता था। वह भी होली पर ही गांव गया था। ध्रुवनारायण के भाई दिनेश शुक्ल का बेटा 17 वर्षीय बेटा अमन बेलघाट में इंटरमीडिएट का छात्र था। उरुवा थाना क्षेत्र स्थित परसा तिवारी निवासी सूर्यपति त्रिपाठी का 18 वर्षीय बेटा आदर्श मुंबई में मेडिकल छात्र था। वह गांव आया था। वह दो दिन पहले वह भी अपने ननिहाल मदन शुक्ल के घर गया था।
घर से निकले घूमने और हुए गायब
दोपहर बाद तकरीबन डेढ़ बजे पांचों घर से घूमने निकले थे। देर शाम तक जब वे घर नहीं लौटे तो परिवारीजनों को चिंता हुई। परिवारीजन उनकी तलाश करने लगे। इस बीच कुछ ग्रामीण उन्हें ढूंढते हुए गांव से तकरीबन 500 मीटर दूरी पर बह रही सरयू नदी के किनारे पहुंचे। लोगों ने किशोरों के मोबाइल नम्बर पर डायल किया। मोबाइल बजता सुनाई दिया। लोग आवाज को महसूस करते हुए उधर गए तो एक स्थान पर पांचों युवकों के कपड़े पड़े थे। कपड़ों में ही उनका मोबाइल भी था। लोग परेशान हो गए। यह आशंका हुई कि सभी किशोर नदी में स्नान करने गए होंगे और डूब गए होंगे।
खोजने पर नदी में मिली पांच लाशें
किशोरों के नदी में डूबने की खबर पूरे गांव में फैल गई। गांव के कुछ लोग जाल लेकर नदी में उतर गए। इस बीच सूचना पुलिस को दे दी गई। पुलिस जब तक मौके पर पहुंचती और गोताखोरों को बुलवाती, ग्रामीणों ने सरयू का पानी छानकर सत्यम की लाश बरामद कर ली। देर रात तक सभी लाशें नदी में मिल गईं। ग्रामीणों और गोताखोरों ने अथक प्रयास कर सभी बच्चों की लाश निकाल ली। सौरभ, आदर्श, अमन और नितेश का शव भी निकालने में सफलता पा ली। गोताखोरों और ग्रामीणों का कहना है कि नदी के कछार से तकरीबन 20 मीटर दूरी पर नदी के अंदर सभी शव एक ही स्थान पर थे।
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