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बलराम अपहरण-हत्याकांड: बदमाशों ने हत्या से पहले दी थी यातना, दोनों हाथ-गर्दन तोड़कर सिर को कूंचा

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गोरखपुर। 26 जुलाई को गोरखपुर के पिपराइच थाना क्षेत्र के जंगल छत्रधारी गांव निवासी पान कारोबारी के 14 वर्षीय पुत्र बलराम का अपहरण हो गया था। अपहरणकर्ताओं ने उसे छोड़ने के एवज में एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। लेकिन बलराम का शव सोमवार शाम उसके घर से करीब सात किलोमीटर दूर बोरे में बंद एक नाले में पड़ा मिला। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपहरणकर्ताओं ने हत्या से पहले बलराम को बदमाशों ने यातनाएं भी दी थीं।

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बलराम अपहरण-हत्याकांड: बदमाशों ने हत्या से पहले दी थी यातना, दोनों हाथ-गर्दन तोड़कर सिर को कूंचा
दोनों हाथ और गर्दन तोड़कर सिर को कूंचा गया था

दोनों हाथ और गर्दन तोड़कर सिर को कूंचा गया था

जांच एजेंसियों के मुताबिक, अपहरणकर्ताओं ने 14 वर्षीय बलराम के दोनों हाथ पीछे उठाकर तोड़ दिए गए थे। गर्दन भी टूटी थी। सिर को निर्ममता से कूंचा गया था। हत्या के बाद शव सीमेंट की बोरी में ठूंस दिया था। बोरी में डालने से पहले पैर को जोर देकर मोड़ा गया था। जब शव बोरे से निकाला गया तो एक बार पुलिस, क्राइम ब्रांच और एसटीएफ के लोगों की रूह कांप गई। कइयों की आंखों से आंसू निकल आए। फिलहाल, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साफ होगा कि किशोर की हत्या से पहले कितनी यातनाएं दी गईं थीं।

पांच आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

पांच आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

गोरखपुर के एसएसपी डा. सुनील कुमार गुप्‍ता ने बताया कि 26 जुलाई को बलराम के अपहरण और हत्या में उसके गांव के आसपास के ही पांच लोगों के नाम सामने आए हैं। इसमें हसनगंज जंगलधूसड़ का एक मोबाइल विक्रेता भी शामिल है। मोबाइल विक्रेता ने ही फर्जी नाम, पते पर सिम दिया था। फिरौती मांगने में इसी सिम का इस्तेमाल किया गया था। पुलिस ने सबूतों के आधार पर मोबाइल विक्रेता समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इन्हीं की निशानदेही पर बलराम का शव बरामद किया गया। इन सबसे पूछताछ की जा रही है।

योजना बनाकर दिया वारदात को अंजाम

योजना बनाकर दिया वारदात को अंजाम

सूत्रों के मुताबिक अपहरण और हत्याकांड में नई उम्र के लड़के शामिल हैं। ज्यादातर बलराम व उसके परिवार से परिचित लग रहे हैं। जांच एजेंसी के मुताबिक, बदमाशों ने वारदात को योजना बनाकर अंजाम दिया। आरोपियों ने जुलाई में ही फर्जी नाम, पते पर नया सिम लिया था। इसी सिम से फिरौती मांगी गई। आरोपियों का अनुमान था कि फर्जी नाम, पते की वजह से पुलिस उन्हें नहीं पकड़ पाएगी। हालांकि पुलिस ने मोबाइल दुकानदार को हिरासत में लेकर आरोपियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

दरोगा और दो हेड कॉन्सटेबल सस्पेंड

दरोगा और दो हेड कॉन्सटेबल सस्पेंड

वहीं, दूसरी ओर अपहरण और हत्या के मामले में एसएसपी ने हल्का दारोगा दिग्विजय सिंह और मुख्य हेड कॉन्सटेबल प्रदीप सिंह और सुरेन्द्र तिवारी को सस्पेंड कर दिया है। इनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। इनके ऊपर कार्य में शिथिलता और अपने दायित्यों का निर्वहन न करने का आरोप है। आरोप है कि इन्होंने अपहरण और हत्या के मामले में अपने कर्तव्यों और दायित्यों के निर्वहन में शिथिलता और उदासीनता दिखाई है।

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English summary
Gorakhpur Kidnapping and Murder Case: miscreants tortured Balaram before murder
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