4 महीने से स्कूल बंद: अभिभावकों की फीस में रियायत की मांग पर मंत्री दिनेश शर्मा ने कहा- यह संभव नहीं
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि स्कूलों की फीस न तो माफ की जा सकती है और न ही इसे कम किया जा सकता है। डिप्टी सीएम और प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि व्यवहारिक तौर पर यह संभव नहीं है। गोरखपुर के नगर विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने स्कूल की फीस के मुद्दे को लेकर माध्यमिक शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा को फोन किया था। दिनेश शर्मा ने फीस माफी या कम किए जाने से साफ मना कर दिया। गोरखपुर में बच्चों के अभिभावकों के संगठन ने विधायक राधा मोहन अग्रवाल से इस बारे में सरकार से बात करने की गुहार लगाई थी।
मंत्री दिनेश शर्मा से विधायक ने कहा...
विधायक राधा मोहन अग्रवाल ने इस बारे में मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने फोन पर माध्यमिक शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा को बताया कि गोरखपुर के अभिभावक चाहते हैं कि प्राइवेट स्कूलों की फीस कम की जानी चाहिए क्योंकि ऑनलाइन क्लास के जरिए बच्चों को शिक्षा देने की खानापूर्ति की जा रही है। लॉकडाउन के बाद चार महीने बीत चुके हैं और स्कूल बंद चल रहे हैं। एक तरफ बच्चों को पढ़ने में परेशानी हो रही है ऊपर से अभिभावकों को तीन महीने की फीस एडवांस में देने और वार्षिक फीस भी जमा करने को कहा जा रहा है। अभिभावक इस मामले में सरकार से रियायत की उम्मीद रखते हैं। जब तक स्कूल ऑनलाइन क्लास से बच्चों को पढ़ा रहे हैं तब तक तो फीस कम होनी चाहिए। विधायक की इस बात पर मंत्री दिनेश शर्मा ने उनसे कहा है कि फीस कम नहीं की जा सकती है।
मंत्री ने विधायक को ये दिया जवाब
विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने मीडियो को बताया कि अभिभावकों की बात उन्होंने सरकार तक पहुंचा दी। इसके जवाब में माध्यमिक शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि सभी स्कूलों को पहले से हिदायत है कि इस साल फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं करनी है। एक साथ तीन महीने की फीस लेने की इजाजत किसी स्कूल को नहीं दी गई है। हर महीने वो फीस ले सकते हैं लेकिन एडवांस में तीन महीने की फीस वो नहीं ले सकते। अगर अभिभावक एक महीने की फीस देने में सक्षम नहीं हैं तो संबंधित स्कूल में आवेदन देकर बता सकते हैं और फीस फिलहाल के लिए स्थगित करा सकते हैं। स्कूलों को फीस में परिवहन शुल्क न लेने को कहा गया है। मंत्री ने कहा कि जहां तक फीस को माफ करने या कम करने की बात है, वह संभव नहीं है। स्कूलों के अपने जो खर्च होते हैं, उसके लिए फीस लेना जरूरी है।
विधायक ने कहा- मैंने अपना काम कर दिया
विधायक ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि उन्होंने जनता की समस्या को संबंधित मंत्री तक पहुंचा दिया है। स्कूलों की फीस माफी या कम करने जैसे मुद्दे पर फैसला लेने का अधिकार सरकार के पास है, विधायक इसमें इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकता। आगे इस बारे में जो करना है, सरकार को करना है। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि सरकार के फीस संबंधी निर्देशों का पालन अगर कोई स्कूल नहीं करता है या फिर क्षेत्र में शिक्षा से संबंधित अधिकारी उनका सहयोग नहीं करते हैं तो वो इसकी लिखित शिकायत दें। विधायक ने अभिभावकों को आश्वासन दिया है कि वे अब तक जारी फीस संबंधी सरकारी आदेशों का पालन कराने के लिए उनके साथ खड़े हैं।
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