बेंगलुरु से 14 दिन बाद 2000 KM का सफर कर गोंडा पहुंचा मजदूर, सांप के काटने से हुई मौत
गोंडा। लॉकडाउन के दौरान गैर प्रदेशों में फंसे प्रवासी मजदूर हजारों किलोमीटर की यात्रा करते हुए देखे गए थे। जो अपने-अपने गृह राज्यों की तरफ जा रहे थे। इनमें से कई रास्ते में ही अलग-अलग घटनाओं में मौत का शिकार हो गए और अपने घरों तक नहीं पहुंच पाए। ऐसी ही एक कहानी प्रवासी श्रमिक सलमान की है, जो बेंगलुरु से 14 दिन और 2000 किलोमीटर की यात्रा कर उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले पहुंचे था। लेकिन कुछ देर बात ही उसे सांप ने काट लिया और उसकी मौत हो गई।
14 दिन की यात्रा के बाद पहुंचा था गोंडा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के धानेपुर गांव के रहने वाले सलमान ने 12 मई को बेंगलुरु से घर का सफर शुरू किया था। 14 दिन की यात्रा और 2000 किलोमीटर का सफर तय करके वह घर पहुंचा था। लेकिन कुछ देर बात ही उसे सांप ने काट लिया और उसकी मौत हो गई। यह दुखद घटना 26 मई को घटी। अपने बेटे सलमान की मौत की खबर सुनकर मां सदमे में चली गई है और उनके परिवार के लोग अब अपने भविष्य को लेकर आशंकाओं में जी रहे हैं।
नहीं पकड़ पाए थे श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन
बताया जा रहा है कि सलमान परिवार के लिए रोजी-रोटी का इंतजाम करने के लिए दिसंबर महीने में गोंडा से बेंगलुरु गया था। लेकिन लॉकडाउन में नौकरी छूट जाने पर ही उसने घर वापसी का फैसला किया था। सलमान के साथियों ने पहले श्रमिक एक्सप्रेस से घर आने की कोशिश की, लेकिन भारी भीड़ के कारण जब बात नहीं बनी तो सब ने पैदल ही गोंडा तक की यात्रा का निर्णय कर लिया। इसके बाद सलमान और उसके कई साथी 12 मई को बेंगलुरु से निकले और 26 मई की शाम गोंडा पहुंच गए।
हाथ-मुंह धोने खेत पर गया था सलमान, लेकिन
मां से मिलने के बाद सलमान गन्ने के खेत में हाथ मुंह धोने की बात कहकर गया, लेकिन जब काफी देर तक वह वापस नहीं आया तो परिवार के लोगों ने उसकी तलाश शुरू की। एक घंटे के बाद गन्ने के खेत में ही सलमान का शव बरामद किया गया। इसके बाद सलमान के परिवार ने उनका शव सुपुर्द ए खाक किया। बताया जा रहा है कि सलमान के देहांत से अब उनकी मां अवसाद में हैं और परिवार के लोग अब गरीबी और इलाज के खर्च को लेकर तमाम दिक्कतों से जूझ रहे हैं।
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