गोवा में सरकार बनने से पहले बीजेपी में 'मतभेद', MGP का विरोध
पणजी, 15 मार्च: गोवा विधानसभा चुनावों के परिणाम आए मंगलवार को 5 दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक गोवा में मुख्यमंत्री का चेहरा साफ नहीं हो पाया है। वहीं दूसरी तरफ सरकार के गठन से पहले ही बीजेपी के भीतर मतभेदों की आहत शुरू हो चुकी है। एक तरफ जहां सीएम को लेकर अभी तक कुछ साफ नहीं हो पाया है, तो दूसरी तरफ सहयोगी दल एमजीपी (महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी) का विरोध हो रहा है।

दरअसल, 40 सीटों वाले गोवा में बीजेपी अपने बल पर 20 सीटें जीतने में सफल हो पाई है। गोवा में होली (18 मार्च) के बाद एक नई सरकार का गठन होने की पूरी संभावना है। मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार प्रमोद सावंत मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने के लिए दिल्ली में हैं।
चर्चाओं में विश्वजीत राणे
इधर, अटकलें लगाई जा रही हैं कि गोवा बीजेपी में वरिष्ठ नेता विश्वजीत राणे सीएम पद के लिए अंदर ही अंदर अपना पूरा जोर लगा रहे हैं, हालांकि राणे ने इससे इनकार किया है। लेकिन विधायक और विश्वजीत राणे की पत्नी देविया राणे ने कहा कि हर नेता की आकांक्षाएं होती हैं और सीएम का नाम केंद्रीय नेतृत्व की ओर से तय किया जाएगा। वहीं अपने सफाई में उन्होंने कहा, "भाजपा के भीतर कोई खेमा नहीं है और न ही मतभेदों का कोई सवाल है।"
एमजीपी पर भाजपा नेता का बयान
इस बीच भाजपा नेता बाबुश मोनसेरेट ने कहा कि महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) जिसने भाजपा को परिणाम के बाद समर्थन देने की घोषणा की है, उसका भाजपा में विलय हो जाना चाहिए। एमजीपी ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ चुनाव से पहले गठबंधन किया था और भाजपा विरोधी मुद्दे पर विधानसभा चुनाव लड़ा था।BJP नेता ने कहा कि वे पहले हमारे खिलाफ प्रचार करते हैं और फिर हमसे जुड़ते हैं। तो जब हमारे पास संख्या और समर्थन है तो हमारे पास उन्हें क्यों रखा जाए। इसलिए पार्टी को मजबूत बनाने के लिए एमजीपी को भाजपा में विलय कर देना चाहिए।
गोवा:
इन
3
कारणों
से
BJP
को
हो
रही
मुख्यमंत्री
चुनने
में
देरी
बता दें कि भाजपा ने हाल के चुनावों में 40 में 20 सीटें जीतीं है। वहीं एमजीपी के दो विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा को अपना समर्थन दिया है। गोवा में बीजेपी पार्टी सरकार बनाने के लिए तैयार है। इससे पहले मंगलवार को गोवा विधानसभा के 40 नवनिर्वाचित सदस्यों में से 39 ने राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई द्वारा बुलाए गए सत्र के दौरान शपथ ली।