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शहीद अश्वनी कुमार: 4 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि, 6 साल की बेटी के आखिरी सैल्यूट ने सबको रुला दिया

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गाजीपुर। जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में सोमवार की देर शाम आतंकवादियों के हमले में शहीद सीआरपीएफ जवान अश्वनी कुमार यादव का पार्थिव शरीर बुधवार को गाजीपुर में उनके पैतृक गांव चकदाउद लाया गया। पार्थिव शरीर पहुंचते ही अंतिम दर्शन के लिए परिवार के साथ हजारों आंखें रो पड़ीं। आंखों में फक्र के आंसू लिए लोगों ने देश के लाल को अंतिम सलामी दी। घर से शव यात्रा निकालकर लोग श्मशान घाट पहुंचे। यहां पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के चार साल के बेटे आदित्य ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान दूर खड़ी उनकी 6 साल की बेटी आयशा ने उन्हें सलामी दी। शहीद की पत्नी अंशु जब पति के पार्थिव शरीर के पास पहुंची तो वह कुछ देर तक शांत रही। फिर उसने ताली बजाकर अपने पति की वीरता का स्वागत किया। ये दृश्य जिसनें भी देखा उसकी आंखें भर आईं।

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Ghazipur UP: Handwara में शहीद Ashwani Yadav के अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़ | वनइंडिया हिंदी
अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे लोग

अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे लोग

दिल्ली से बुधवार की सुबह साढ़े सात बजे शहीद का पार्थिव शरीर चार्टर्ड प्लेन से वाराणसी लाया गया। सेना के अधिकारी और जवान शहीद अश्वनी कुमार यादव का पार्थिव शरीर सेना के वाहन से लेकर रवाना हुए। चकडाउद गांव में शहीद के घर के बाहर हजारों लोग नम आंखों से गांव के लाल के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार करते रहे। जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा परिवार वालों के साथ ही सभी शहीद के अंतिम दर्शन को पहुंच गए।

चार साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

चार साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

शहीद का पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के चार साल के बेटे आदित्य ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान दूर खड़ी उनकी 6 साल की बेटी आयशा ने उन्हें सलामी दी। शहीद की पत्नी अंशु जब पति के पार्थिव शरीर के पास पहुंची तो वह कुछ देर तक शांत रही। फिर उसने ताली बजाकर अपने पति की वीरता का स्वागत किया। ये दृश्य जिसनें भी देखा उसकी आंखें भर आईं। यह देख अन्य लोगों ने भी ताली बजाई। गांव की महिलाओं ने अंशु को मालाएं पहनाईं। उन्होंने कहा- आपके पति ने देश के लिए प्राण न्याैछावर करके हमारा मान बढ़ाया है।

बेटी को डॉक्टर बनाना चाहते थे शहीद अश्वनी कुमार

बेटी को डॉक्टर बनाना चाहते थे शहीद अश्वनी कुमार

शहीद की पत्नी अंशु ने बताया कि अश्वनी अपनी बेटी को डॉक्टर बनाना चाहते थे। अब उसकी चिंता है। अंशु ने कहा ​कि वह चाहती हं कि उन्हें अपने बच्चों के जीवन यापन के लिए आधार दिया जाए। मुझे अपने बच्चों को आगे ले जाना है। बता दें, शहीद जवान अश्वनी यादव की शादी 2012 में हुई थी। उनके 6 साल की बेटी परी और चार साल का बेटा आदित्य है।

यूपी सरकार की ओर से 50 लाख रुपए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी

यूपी सरकार की ओर से 50 लाख रुपए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी

यूपी सरकार ने शहीद के परिवार को 50 लाख रुपए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का ऐलान किया है। इसमें से 25 लाख का सहयोग दे दिया गया। डीएम व एसपी ने शहीद को श्रद्धांजलि देने के बाद उनकी पत्नी को 20 लाख और मां को 5 लाख रुपए का चेक सौंपा है।

हंदवाड़ा शहीद कर्नल आशुतोष की बेटी तमन्‍ना बनना चाहती है आर्मी ऑफिसर हंदवाड़ा शहीद कर्नल आशुतोष की बेटी तमन्‍ना बनना चाहती है आर्मी ऑफिसर

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English summary
handwara encounter martyr ashwani kumar yadav last rites in ghazipur
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