यूपी के इस गांव में नहीं मनाया जाता है रक्षाबंधन, जानें क्या है वजह
गाजियाबाद। भाई-बहन के प्यार का त्यौहार रक्षाबंधन इस बार 15 अगस्त को है। देशभर में गुरुवार को यह त्यौहार धूमधाम से मनेगा। मगर, यूपी के गाजियाबाद में एक गांव ऐसा है, जहां लोग रक्षाबंधन नहीं मनाते। यह गांव है 'सुराना'। कहा जाता है कि इस्लामिक हमलावर मोहम्मद गौरी के हमले के समय से ही लोगों में यह रीति चली आ रही है। उस हमले के बाद से इस गांव में कभी रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाया गया। ऐसे में यहां भाइयों की कलाई सूनी रहती है।
घात लगाकर मोहम्मद गौरी ने किए थे हमले
सुराना, गांव गाजियाबाद से करीब 30 किलोमीटर दूरी पर मोदीनगर इलाके में है। यहां रक्षाबंधन नहीं मनाए जाने के बारे में एक पुरानी कहानी है। 12वीं सदी में कई बार मोहम्मद गौरी ने यहां हमला किया था। कहा जाता है कि जब वह इस गांव में आक्रमण करने आता था तो उसके सैनिक अंधे हो जाते थे। गांववाले किसी देव को पूजते थे, जिसके प्रभाव से गांव सुरक्षित रहता था। हिंदुओं में मान्यता रही हैं कि रक्षाबंधन के दिन गंगा स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसे में रक्षाबंधन के दिन देव गंगा स्नान करने चले गए थे।
एक ही महिला बच पाई थी जिंदा
मोहम्मद गोरी को यह बात पता चल गई थी कि आज देव सुराना गांव में नहीं है। इसी का फायदा उठाकर उसने गांव पर हमला बोल दिया। फिर भयंकर मारकाट मचाई। लोगों को हाथी से कुचलवा दिया गया। एक गर्भवती महिला ही सही-सलामत बच पाई। जब देव गांव में वापस लौटे तो उन्होंने सब तहस-नहस पाया, यानी गांव के अंदर कोई भी नहीं बचा था। लेकिन एक गर्भवती महिला बच गई थी। क्योंकि वह अपने मायके अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने गई हुई थी। तभी से इस पूरे गांव में रक्षाबंधन के त्यौहार को बेहद शुभ माना जाता है और यहां के भाइयों की कलाई सूनी रहती है।
लोगों ने रक्षाबंधन मनाना बंद कर दिया
बताया जाता है कि यहां की बहु अपने मायके अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती है, जबकि यहां की लड़कियां अपने भाई की कलाई पर राखी नहीं बांधती हैं। बुजुर्ग लोगों का कहना है कि उस हमले के बाद गांव फिर से आबाद हुआ, लेकिन लोगों ने रक्षाबंधन मनाना बंद कर दिया। आज भी अगर बाहर जाकर भी बस गए हैं तो भी रक्षाबंधन के त्योहार को नहीं मनाते हैं।