फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, पांच गिरफ्तार
गाजियाबाद। गाजियाबाद पुलिस ने फर्जी तरीके से शस्त्र लाइसेंस बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, लेकिन अभी भी असलहा विभाग के 2 संविदा कर्मी फरार चल रहे है। दरअसल, फर्जी लाइसेंस की बात पुलिस को तब संज्ञान में आई जब एक शाहजहांपुर का शस्त्र धारक ने गाजियाबाद में अपने शास्त्र ट्रांसफर करने की अर्जी डाली। ट्रांसफर अर्जी पर कार्य करते हुए ये बात सामने आई कि लाइसेंस नंबर ऑनलाइन मैच नहीं कर रहा है, जिसकी जानकारी गाजियाबाद प्रशासन ने शाहजहांपुर प्रशासन को दी व अपने स्तर पर भी जांच शुरू कर दी।
संविदा कर्मी की मिलीभगत से फर्जीवाड़ा
गाजियाबाद पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए बताया कि शाहजहापुर में एक संविदा कर्मी पर असलहा बाबू का चार्ज है। जिसकी मिलीभगत से फर्जी तरीके से लाइसेंस बनाने का काम किया जा रहा था। दरअसल, 2007 में शाहजहांपुर के एक थाने से लाइसेंस रजिस्टर गायब हो गया था, जिसका फायदा उठाकर ये लोग फर्जी लाइसेंस बनवा रहे थे और संविदा कर्मी की मदद से यूनिक आईडी बनवा देते थे। पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि एक लाइसेंस के लिए 2 से 5 लाख रुपया लिया जाता था जिसमें शास्त्र भी शामिल होता था।
फरार आरोपियों की तलाश जारी
गिरोह के मुखिया ने बताया कि बिना किसी पुलिस वेरिफिकेशन, और फर्जी सिग्नेचर से लाइसेंस बना जा रहे थे, जिनकी जानकारी शास्त्र धारक को नहीं होती थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी फुरकान, संजय, विनोद, हरिशंकर, सदानंद के कब्जे से 5 असलाह, एक कार और 17 शास्त्र लाइसेंस की छायाप्रति बरामद हुई है। अभी फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है जिनकी गिरफ्तारी के बाद और भी कई खुलासे हो सकते हैं।
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