तीनों कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी पर कानून बनने तक जारी रहेगा आंदोलन: राकेश टिकैत
गाजियाबाद। घने कोहरे और ठंड के बीच किसान पिछले 16 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर डटा हुआ, वो भी कृषि कानूनों के खिलाफ। लेकिन केंद्र सरकार इन कानून को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है। तो वहीं, अब किसानों ने आज से इस आंदोलन को और भी तेज करने का अल्टीमेटम दे दिया है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गाजियाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, 'सरकार कानून वापस ले और किसान अपने घर चला जाएगा।'
राकेश टिकैत ने मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि जब तक केंद्र सरकार तीनों कानूनों को वापस नहीं ले लेती है आंदोलन खत्म नहीं होगा। सरकार हमारी 15 में से 12 मांगों पर सहमत है तो इसका मतलह है कि कानून सही नहीं है। इसका मतलब ये है कि किसानों की असली समस्या से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कोसों दूर है। उन्होंने कहा कि हमने एमएसपी पर एक कानून की मांग की थी लेकिन केंद्र सरकार अध्यादेश के जरिए 3 बिल लेकर आई। जब तक सरकार इसे वापस नहीं लेती है तो हमारा विरोध जारी रहेगा।
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टिकैत ने कहा कि भारत सरकार को हम पिछले सात साल से तलाश कर रहे है, लेकिन वो हमे अब मिली है। सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया है। किसान अपनी फसल आधे रेट पर यहां बेचकर प्रदर्शन में शामिल होने आया है। टिकैत ने कहा कि स्वामीनाथन रिपोर्ट पर भी सरकार का रवैया ढुलमुल रहा है। उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू होनी चाहिए और उसके हिसाब से खरीद भी होने चाहिए।
टिकैट ने कहा कि कानून बनाने से पहले किसानों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को समझना चाहिए था। किसानों से बात करनी चाहिए थी, यह सरकार की गलती है। एमएसपी पर कानून बना चाहिए था। कहा कि तीनों बिल वापस होने चाहिए। मीडिया कर्मी द्वारा पूछे गए एक सवाल पर कहा कि सरकार ने ऐसा कानून क्यों बना दिया जो रद्द नहीं हो सकता।
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