हादसे में पिता-भाई की हुई मौत, बहादुर बेटी ने बोर्ड परीक्षा देने के बाद आकर दी मुखाग्नि
Ghaziabad News, गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसे सुनकर आपका दिल भी पसीज जाएगा। बुधवार को देर शाम हापुड़ रोड पर एक वाहन की चपेट में आने से पिता-पुत्र की मौत हो गई। पिता और भाई की मौत के बाद 14 साल की एक लड़की ने हिम्मत दिखाई और अपनी हाई स्कूल की परीक्षा दी। परीक्षा देने के बाद बेटी ने अपने पिता और भाई को मुखाग्नि दी।
गर्वित ने पूछा था पिता के बारे में
मीडिया में छपी खबरों के अनुसार, बुधवार को हापुड़ रोड पर शास्त्री नगर के सामने वाहन की चपेट में आने से बाइक सवार दुकानदार रविंद्र कुमार (45) और उसके 10 वर्षीय बेटे गर्वित की मौत हो गई। हालांकि कमर के नीचे का हिस्सा शरीर से अलग होने के बावजूद मासूम ने मरने से पहले वहां मौजूद लोगों से ना केवल अपने पिता के बारे में पूछा बल्कि अपनी मां का फोन नंबर बताकर उन्हें सूचना देने के लिए कहा।
परीक्षा देने के बाद दी भाई-पिता को मुखाग्नि
छोटे भाई और पिता की मौत के बाद उनकी 14 साल की बेटी ने हिम्मत का परिचय दिया। साल बर्बाद ना हो इसी लिए रिश्तेदारों के समझाने पर हाई स्कूल का एग्जाम देने गईं, बल्कि घर आने के बाद अपने आंसू पोंछकर मां और बुजुर्ग दादी को संभाला। बाद में इसी बच्ची ने हिंडन नदी के तट पर भाई और पिता को मुखाग्नि दी। हालांकि बाद में हिम्मत जवाब दे गई और वह अपने ताऊ से लिपटकर खूब रोई।
परिवार में था खुशी का माहौल
चिरंजीव विहार के अवंतिका एक्सटेंशन के जेपीवी अपार्टमेंट में रहने वाले रविंद्र घर के बाहर प्लास्टिक के बर्तनों की दुकान चलाते थे। परिवार में पत्नी रीना समेत मां लक्ष्मी (65), बेटी रिया (14) और बेटा गर्वित (10) थे। परिजनों के अनुसार गर्वित का पांचवी क्लास में सैकेंड टॉप करने के कारण परिवार में खुशी का माहौल था। इसलिए पिता और बेटा होटल से खाना लेने चले गए। शास्त्री नगर के सामने से पीछे से आए एक वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी।
पिता का सपना पूरा करने की इच्छा
रविंद्र की बेटी रिया का गुरुवार को सीबीएसई बोर्ड की दसवीं की परीक्षा थी। जबकि पिता और भाई के शव पोस्टमॉर्टम हाउस में थे। इसके बावजूद रिया ने पहले अपना पेपर दिया। इसके बाद उसने अपने पिता और भाई को मुखाग्नि दी। इस दौरान वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। रिया रो-रोकर बार-बार अपने पिता की चिता के सामने कह रही थी कि वह अपने पिता का सपना पूरा करते हुए एक अच्छी डॉक्टर बनेगी।
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