खतरनाक! गाजियाबाद में दिखा 'रावण दहन' का असर, रिकॉर्ड की गई देश की सबसे खराब हवा
गाजियाबाद, 17 अक्टूबर। बीते शुक्रवार पूरे देश में धूमधाम से विजयदशमी का त्योहार मनाया गया। कोविड को ध्यान में रखते हुए रावण दहन का आयोजन छोटे स्तर पर किया गया था और दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मद्देनजर पुतलों में पटाखों का इस्तेमाल भी कम किया गया। हालांकि बावजूद इसके दिल्ली और आस-पास के इलाकों में प्रदूषण का असर देखने को मिला। यूपी के गाजियाबाद जिले में शनिवार को एयर क्वालिटी 'बेहद खराब' की श्रेणी में पहुंच गई थी।
देश की सबसे खराब हवा गाजियाबाद में
दशहरा के एक दिन बाद गाजियाबाद में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में हवा की क्वालिटी 349 पर पहुंच गई जो, शनिवार को देश में सबसे ज्यादा रही। कहने का मतलब कि उस दिन गाजियाबाद में देश की सबसे खराब हवा में लोग सांस ले रहे थे। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इस सीजन में यह पहली बार है जब एक्यूआई इस स्तर तक खराब हुआ है। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार 130 लिस्टेंड शहरों में गाजियाबाद की हवा देश में सबसे खराब रही।
यूपीपीसीबी ने बताई ये वजह
उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (यूपीपीसीबी) के अधिकारियों ने हवा की गुणवत्ता खराब होने के पीछे दशहरे पर पूरे शहर में पटाखों और पुतले जलाने को जिम्मेदार ठहराया। क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा ने कहा कि गाजियाबाद में शनिवार को एक्यूआई स्तर में गिरावट देखी गई। यह मौजूदा मौसम की स्थिति और स्थानीय लोगों द्वारा किए गए कार्यक्रमों की वजह से हो सकता है।
इन इलाकों में हवा रही खराब
यूपीपीसीबी के आकंड़ों के मुताबिक बीते शनिवार की दोपहर लोनी में सबसे अधिक 381, वसुंधरा में 365, इंदिरापुरम में 355 और संजय नगर में 338 एयर क्वालिटी दर्ज किया गया। यूपीपीसीबी ऑफिसर उत्सव शर्मा ने आगे कहा, दशहरे पर पटाखे और पुतले जलाने से PM2.5 की वृद्धि हुई, इसके अलावा पश्चिम की हवाओं ने वातावरण के उच्च स्थानों पर हवा की आवाजाही को बाधित कर दिया। इस वजह से गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता में गिरावट आई।
हिंडन विहार सबसे बदनाम
रावण दहन और पटाखों के अलावा शहर में खुले में आग लगाने के मामलों से भी हवा खराब हुई है। शुक्रवार की रात हिंडन विहार में कूड़े के ढेर में आग लगाई गई, जो काफी देर तक जलता रहा। इस बीच वसुंधरा और अन्य क्षेत्रों से भी कूड़ा जलाने की छिटपुट घटनाएं सामने आई। पर्यावरणविद् विक्रांत शर्मा ने कहा, खुले में कचरा जलाने के लिए हिंडन विहार बदनाम है, यहां कई गोदाम हैं जहां कचरा और प्लास्टिक रखा जाता है। रहवासी और कबाड़ विक्रेता लंबे समय से ई-कचरा जला रहे हैं।
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