रईसजादे को नहीं कर सके अगवा तो गाजियाबाद के गरीब का कर लिया अपहरण
:Ghaziabad News, गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की पाश कालोनी राजनगर से 10 फरवरी की शाम एक छात्र के अपहरण का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। अपहरण में शामिल पांच बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से पुलिस ने अपहरण की घटना में इस्तेमाल की गई कार, बाइक और मोबाइल फोन बरामद कर लिए हैं। अपहर्ताओं के पकड़े जाने पर खुलासा हुआ कि परिजनों ने 10 लाख रूपये की फिरौती देकर बच्चे को सकुशल छुड़वाया था।
2 करोड़ की मांगी थी फिरौती, 10 लाख में हुआ सौदा
एसपी सिटी श्लोक कुमार ने बताया कि 10 फरवरी को थाना कविनगर क्षेत्र की कालोनी राजनगर सेक्टर-दो में रहने वाले ट्रांसपोर्ट कारोबारी अमित अरोड़ा का 13 साल का बेटा मौर्य बाजार से संदिग्ध परिस्थतियों में गायब हो गया था। परिजनों ने 14 फरवरी को उसके वापस आ जाने की सूचना पुलिस को दी थी। परिजनों ने बताया कि उनके बेटे के आने के बाद फोन पर अपहर्ताओं का फोन फिर से उनके पास आया तब उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस को तब उन्होंने बताया कि उनके बेटे का 10 फरवरी को अपहरण कर लिया गया था। उनसे 2 करोड़ की फिरौती मांगी जा रही थी, बाद में 10 लाख रूपये उन्होंने बेटे की सकुशल छोड़ने के लिए दिये। लेकिन अब अपहर्ता फिर से फोन कर रहे हैं।
पुलिस ने पकड़े पांच आरोपी
एसपी सिटी ने बताया कि जब परिजनों ने यह जानकारी दी तब कविनगर पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने अपना जाल बिछाना शुरू कर दिया। गुरूवार को पुलिस ने इस मामले में पांच युवकों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उन्होंने मौर्य के अपहण किए जाने और फिरौती वसूलने की बात कबूल की। पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों में फिरोजाबाद के रहने वाले प्रमोद कुमार जैन, पांडव नगर दिल्ली के रहने वाले प्रदीप उर्फ दीपू व पवन कुमार, नंदग्राम के रहने वाले प्रमोद यादव और सोनू कुमार शामिल हैं।
रईसजादे के अपहरण की बनाई थी योजना
ये सभी ऑटो व टैक्सी चालक हैं। पुलिस के मुताबिक इस गैंग का सरगना प्रमोद जैन है। उसी ने किसी रईसजादे के अपहरण की योजना बनायी थी। पुलिस के मुताबिक जिस मोबाइल से फिरौती मांगी गई वह उन्होंने नोएडा से लूटा था। अपहरण में प्रयुक्त की गई कार प्रदीप के मामा के नाम से रजिस्टर्ड थी, जिसकी मौत हो चुकी है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि अपने शौक पूरे करने और कर्ज उतारने के लिए उन्होंने दिल्ली में किसी रईसजादे के अपहरण की योजना बनायी थी। घटना के दिन उन्हें कोई नहीं मिला तो उन्होंने गाजियाबाद आकर पॉश कालोनी से मौर्य का ही अपहरण कर लिया था। पुलिस के मुताबिक इस मामले में परिजनों के पास इंटरनेट कॉलिंग के जरिए पाकिस्तान के नंबर से फिरौती के लिए कॉल की गई थी।
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