देखिए ये है 'नूरजहां' आम, 1200 रुपए में बिक रहा एक, 3 किलो से भी ज्यादा होता है इसका वजन
गांधीनगर। क्या आपने कभी 1,200 रुपये का एक आम खरीदा है? ऐसा आम शायद ही देख पाए होंगे। किंतु, एक राज्य में इन दिनों इस आम की खूब बुकिंग हो रही हैं। इस आम को 'नूरजहां' आम कहा जाता है, जो इतना बड़ा होता है कि वजन तीन किलो से भी ज्यादा हो सकता है। यह आम पिछले साल 700 रुपए में मिल रहा था, किंतु इस बार कीमतें बढ़कर दोगुनी तक हो गई हैं। यह आम मार्केट में जुलाई तक आएगा। गुजरात में लोग इसकी बड़े पैमाने पर एडवांस बुकिंग करा रहे हैं। देश-विदेश के भी रईस घरानों के लिए यह आम पसंदीदा फल माना जाने लगा है। अमूमन दिल्ली में कई किस्मों के आम 50-60 रुपए किलो मिल जाते हैं, मगर एक हजार रुपए से भी ज्यादा रेट में एक आम 'नूरजहां' ही बिक रहा है।
ये है नूरजहां, कहा जाता है 'आमों की रानी'
"नूरजहां" आम सबसे पहले अफगानिस्तान में हुए। नूर जहाँ (1577-1645) मुगल काल की एक ताकतवर रानी थीं। उन्हीं के नाम पर इस आम को पहचाना जाता है, जिसका तात्पर्य है 'आमों की रानी'। भारत में ये आम मध्यप्रदेश में इंदौर सिटी से करीब 250 किमी दूर कट्ठीवाड़ा में उगाए जाते हैं। कट्ठीवाड़ा अलीराजपुर जिले में पड़ता है, जो कि गुजरात के नजदीक भी है। कट्ठीवाड़ा की कृषित भूमि पर कई बाग हैं, जहां लोग आम के बगीचे में नूरजहां के पेड़ के साथ तस्वीरें खिंचवाने भी आते रहते हैं।
3 किलो से भी ज्यादा होता सकता है इस आम का वजन
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, नूरजहां आम औसत वजन 2.75 किलो होता है। कई बार 4 किलो तक के भी आम मार्केट में देखे जा चुके हैं। ये आम एक फीट तक लंबे होते हैं। इसके पेड़ों पर जनवरी महीने में ही बौर आने शुरू हो जाते हैं और जून के आखिर तक फल पककर तैयार होते हैं। इनकी गुठली का वजन भी सौ से दो सौ ग्राम तक होता है। यह बाकी आमों के मुकाबले बड़ा होता है और देखने में अलग नजर आता है।इसलिए, अमीर परिवार इस आम के लिए बड़ी कीमत अदा करने को भी तैयार रहते हैं।
हजार रुपए से भी ज्यादा महंगा आम, इसलिए बढ़े दाम
गुजरात में नूरजहां आम को खाने वाले बहुतेरे शौकीन हैं। यहां मार्केट में इस बार इस आम के रेट बढ़कर 1200 रुपए तक हो गए हैं। यह कीमत एक आम की ही है। एक स्थानीय व्यापारी ने बताया कि गांधीनगर और अहमदाबाद जैसे शहरों में पिछले साल ये आम 700 रुपए में बिक रहा था। इस बार शायद इसकी पैदावार कम हुई है। इसलिए, रेट बढ़ा दिया गया है। जून के अंत तक यह फल मंडियों में दिखने लगेगा। 'नूरजहाँ' को मलिका के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि, राज्य में अन्य किस्मों के आम सस्ते हो गए हैं, जिसका कारण है कई किसानों ने इजरायली तकनीक के जरिए आम की खेती की है, जिससे उत्पादन काफी बढ़ गया है।
इन शहरों में हो रहीं सर्वाधिक एडवांस बुकिंग
अहमदाबाद, वापी, नवसारी और वडोदरा जैसे शहरो में नूरजहां आम की बड़े पैमाने पर एडवांस बुकिंग हुई हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गुजरात में लोग आम खाने के किस कदर शौकीन हैं। बहरहाल, देखने में आया है कि अभी नूरजहां आम पेड़ों पर लटके हुए हैं। इनकी मांग बढ़ रही है, जब ये पककर बाजार में आएंगे तो कीमतें और बढ़ने की आशंका हैं। एक विक्रेता ने बताया कि हमसे नूरजहां आम की डिमांड की जा रही है। इस आम का रेट बढ़ना कई घरानों के लिए शान का प्रश्न बन गया है, इसलिए शौकीन उपभोक्ता 1,200 रुपये तक का भुगतान करने को भी तैयार हैं।
दुनिया में सबसे ज्यादा आम का उत्पादन इजरायल कर रहा
नूरजहां तो देश में सबसे महंगा आम बताया ही जा रहा है, लेकिन इजरायली आम की धाक वैश्विक बाजार में ज्यादा है। इजरायल में प्रतिवर्ष 50 हजार टन आमों का उत्पादन होता है। जहां पेड़ों पर कई किस्मों के आम उगाए जाते हैं। वहां आम की 5 किस्मों का पेटेंट है और उन्हें दूसरे देशों में नहीं उगाया नहीं जा सकता। आम की पैदावार वहां 1920 में शुरू हुई थी। अब वहां की तर्ज पर भारत में भी लोग आम की फसल करते हैं।
भारत में आम की पैदावार 15,026 टन
इजरायल में कुल 50 हजार टन में से 20 हजार टन आम को यूरोप, फ्रांस, नीदरलैंड और रूस जैसे देशों को निर्यात किया जाता है, जबकि 30 हजार टन स्थानीय बाजारों में खप जाता है। भारत में इजरायल के मुकाबले काफी कम पैदावार होती है। देश में 15,026 टन आम की ही पैदावार रही।