विशालकाय मगरमच्छ देख लोगों की बंध गई घिग्घी, 2 घंटे लगे काबू करने में, गुजरात से वीडियो वायरल
वडोदरा। गुजरात में वडोदरा शहर की सड़कों पर अब भी मगरमच्छ मिल रहे हैं। यहां बीती रात नेशनल हाइवे स्थित दरजीपुरा एयरफोर्स स्टेशन पर 6.6 फीट लम्बा मगरमच्छ दिखा। जिससे इलाके में सनसनी फैल गई। हालांकि, रेस्क्यू टीम शीघ्र ही मौके पर पहुंची। उस मगरमच्छ को काबू करने में करीब 2 घंटे का समय लगा। टीम के सदस्य ज्यों ही उसे पकड़ने की कोशिश करते वह मगरमच्छ काटने दौड़ पड़ता। कभी इधर-भागता तो उधर भागता। बाद में उसे वनविभाग को सौंप दिया। मगरमच्छ कहां से आया, इस बारे में अधिकारिक जानकारी नहीं मिल पाई। हालांकि, बताया जा रहा है कि वह विश्वामित्री नदी से वहां पहुंचा।
विश्वामित्री नदी से वडोदरा सिटी में घुस रहे मगरमच्छ
विश्वामित्री नदी मगरमच्छों के लिए ही जानी जाती है। जुलाई-अगस्त के महीने में जब भयंकर बारिश के चलते वडोदरा बाढ़ से जूझ रहा था तो शहरभर में मगरमच्छ रेंगते दिखाई देने लगे थे। मगरमच्छ गली-मोहल्लों में पानी के बहाव के साथ ही घुसे। वे गाय और कुत्तों पर हमला करने लगे। जिसके तब भी कई वीडियो वायरल हुए थे। अब फिर एक मगरमच्छ पकड़े जाने का वीडियो सामने आया है। यह वीडियो दरजीपुरा एयरफोर्स स्टेशन एरिया का है। इसमें आप देख सकते हैं कि रेस्क्यू टीम उसे काबू करने की कोशिश करती है, जबकि मगरमच्छ भागने की फिराक में था।
2 घंटे में सुरक्षित पकड़ा जा सका
संवाददाता ने बताया कि वन्यजीव प्रेमी हेमंत वढावाणा को दरजीपुरा एयरफोर्स स्टेशन में महाकाय मगरमच्छ होने की खबर मिली थी। जिसके चलते वे अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। साथ ही वन विभाग के अधिकारी भी उधर दौड़ पड़े। दोनों टीमों द्वारा दो घंटे की मशक्कत के बाद इस मगरमच्छ को सुरक्षित पकड़ा जा सका।
इसी शहर में सबसे ज्यादा मगरमच्छ निकले
पिछले दिनों आरएफओ निधि दवे ने बताया था कि इस साल मानसूनी सीजन में 22 सितंबर तक 76 मगरमच्छ पकड़े जा गए। जिनमें से 41 मगरमच्छों को 16 अगस्त के बाद पकड़ा गया। यानी, यहां बड़ी संख्या में मगरमच्छ मिले। इतने मगरमच्छ किसी और शहर में घुसने की खबरें नहीं आईं।' निधि दवे ने माना कि मगरमच्छ इंसानी बस्तियों में अभी भी हो सकते हैं। इसलिए, टीमें सूचनाओं के इंतजार में रहती हैं।
लोगों के लिए बड़ी आफत बन गए वे
इससे पहले जब आधे से ज्यादा शहर पानी की चपेट में था और कई जगह छतों तक भर गया था। गले तक मुसीबत के इस माहौल में उससे भी बड़ी आफत लोगों के लिए मगरमच्छ बन गए थे। मगरमच्छों द्वारा इंसानों एवं पालतू पशुओं पर हमला किए जाने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे।
लोग घरों से बाहर निकलने में भी डर रहे थे
वहीं, शहर में मगरमच्छ देख-देखकर लोगों के मन में डर इस कदर बैठ गया था है कि वे घरों से बाहर निकलने में भी डरने लगे। इन घटनाओं से उबरने के लिए लोगों को मनोचिकित्सक की सलाह लेनी पड़ी। एक डॉक्टर राकेश जड़ेजा ने बताया कि ऐसी घटनाओं का असर लोगों के दिमाग पर हुआ। जिसे हम 'मगर फोबिया' कह सकते हैं।
31 जुलाई को आई बाढ़ के बाद पनपे मगरमच्छ
31 जुलाई को आई बाढ़ के बाद शहर में मगरमच्छ दिखने शुरू हुए। तब वन सहायक संरक्षक विनोद दामोर ने कहा था, मगरमच्छों को पकड़ने के लिए 6 टीमों का गठन किया गया। साथ ही गैर सरकारी संगठनों के स्वयंसेवक और एनडीआरएफ की टीमें भी लगाई गईं।
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विश्वामित्री नदी में हैं 10 फीट तक लंबे मगरमच्छ
अधिकारी के मुताबिक, विश्वामित्री नदी में 10 फीट तक लंबे मगरमच्छ पाए जाते हैं, लेकिन अभी तक जो पकड़े उसमें ज्यादातर पांच फुट से भी कम थे। हालांकि, अगस्त में एनडीआरएफ की एक टीम ने 10 फीट लंबा मगर भी पकड़ा।