गुजरात: घोड़ी चढ़ा दलित दूल्हा तो पंचायत ने किया बहिष्कार, बात करने पर लगाया 5 हजार का जुर्माना
Gandhinagar News, गांधीनगर। गुजरात के मेहसाणा जिले के एक गांव दलित परिवारों का बहिष्कार करने का मामला सामने आया है। यहां एक दलित दूल्हे को अपनी शादी में घोड़ी पर बैठना भारी पड़ गया। जिसके बाद गांव में एक पंचायत हुई और पूरे गांव ने अनुसूचित जाति (SC) समुदाय के लोगों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया। साथ ही समुदाय के लोगों से बात करने या उनके साथ किसी तरह का मेलजोल रखने वालों पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाये जाने की भी घोषणा की गयी थी।
जानकारी के अनुसार, मामला मेहसाणा जिले के कडी तालुका के लोर गांव का है। यहां मंगलवार को गांव के मेहुल परमार की शादी थी। परिजनों ने घोड़ी पर बैठाकर मेहुल परमार की बारात निकली। जिससे अगड़ी जाति के लोग दूल्हे के घोड़ी चढ़ने के कदम से कथित रूप से नाखुश थे। गांव के सरपंच विनूजी ठाकोर ने गांव के अन्य नेताओं के साथ फरमान जारी कर गांववालों को दलित समुदाय के लोगों का बहिष्कार करने को कहा।
मेलजोर
रखने
वालों
पर
5
हजार
के
जुर्माना
लगाये
की
घोषणा
मेहुल
परमार
के
घोड़ी
चढ़ने
पर
सरपंच
विनूजी
ने
दलितों
के
सामाजिक
बहिष्कार
की
घोषणा
की।
इसके
अलावा
समुदाय
के
लोगों
से
बात
करने
या
उनके
साथ
किसी
तरह
का
मेलजोल
रखने
वालों
पर
5,000
रुपये
का
जुर्माना
लगाये
जाने
की
भी
घोषणा
की
गयी
थी।
पुलिस
से
की
गई
शिकायत
गुरुवार
को
फोन
पर
पुलिस
उपाधीक्षक
मंजीत
वंजारा
को
दलितो
ने
सारी
बात
बताई।
जिसके
बाद
गांव
पहुंची
वंजारा
ने
सारी
जानकारी
ली।
मीडिया
से
बात
करते
हुए
पुलिस
उपाधीक्षक
मंजीत
वंजारा
ने
बताया
कि
7
मई
को
मेहुल
परमार
की
बारात
गांव
से
गुजर
रही
थी।
चूंकि
परमार
एक
दलित
है
इसलिए
गांव
के
कुछ
नेताओं
ने
इस
पर
आपत्ति
की
और
समुदाय
के
लोगों
को
अपनी
हद
पार
नहीं
करने
की
चेतावनी
दी।
उन्होंने
बताया,
''अगले
दिन
गांव
के
कुछ
प्रमुख
ग्रामीणों
ने
दलितों
के
सामाजिक
बहिष्कार
की
घोषणा
की।
इसके
अलावा
समुदाय
के
लोगों
से
बात
करने
या
उनके
साथ
किसी
तरह
का
मेलजोल
रखने
वालों
पर
5,000
रुपये
का
जुर्माना
लगाये
जाने
की
भी
घोषणा
की
गयी
थी।
उन्होंने
बताया
कि
गांव
के
सरपंच
विनूजी
ठाकोर
की
गिरफ्तारी
के
अलावा
चार
अन्य
के
खिलाफ
भी
अनुसूचित
जाति/अनुसूचित
जनजाति
अत्याचार
रोकथाम
अधिनियम
की
संबंधित
धाराओं
के
तहत
मामले
दर्ज
किये
गये
हैं।
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