गुजरात में पकड़ा यूपी का फर्जी IPS, नौकरी दिलाने के नाम पर ऐसे लगाया युवाओं को लाखों का चूना
Gujarat News in Hindi, गांधीनगर। गुजरात में अहमदाबाद के चांदखेडा इलाके से एक फर्जी पुलिस अफसर हत्थे चढ़ा है। यूपी के कानपुर का रहने वाला यह ठग नौकरी दिलाने और पेट्रोल पंप का लाइसेंस बनवाने के नाम पर लोगों को शिकार बनाता था। एक शिकायत की जांच-पड़ताल करते हुए पुलिस उस तक पहुंची और फिर उसकी करतूतों का भंडा फूट गया। पूछताछ में उसने अपना नाम शुभम गौड बताया।
पेट्रोल पंप के लाइसेंस के लिए 25 लाख मांगे, नौकरी के लिए 40 लाख ठगे
पुलिस के अनुसार, शुभम गौड ने गुजरात के पाटनगर (गांधीनगर) को अपना ठिकाना बनाया। इन दिनों वह अहमदाबाद के चांदखेडा इलाके वारदातें कर रहा था। उसने कई लोगों को अपने झांसे में ले लिया था। मगर, फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर लोगों के साथ धोखाधड़ी वह ज्यादा दिन नहीं कर सका। उसके कई साथी भी उसके साथ ही हत्थे चढ़ गए। उसने कुबूला है कि एक शख्स से उसने 25 लाख रुपये मांगे थे।
पुलिस पासिंग परेड के एक ग्रुप फोटो में अपना फोटो चिपकाया
शिकायतकर्ता ने पुलिस से शिकायत की थी कि एक आईपीएस अधिकारी पेट्रोल पंप के लाइसेंस देने के लिये 25 लाख रुपये मांग रहा है। तब पुलिस ने प्लानिंग बनाकर उसे पकड़ना चाहा। उसे पकड़ने के बाद अहमदाबाद के एल डिविजन के एसीपी डीएस पटेल ने कहा कि उससे पूछताछ की जा रही है। अब तक कितने लोगों को उसने निशाना बनाया है और कितने रुपयों की ठगी की है.. ये सब पता किया जाएगा। बहरहाल, उसने नौकरी के नाम पर युवाओं से 40 लाख रुपए लेना कुबूला है। उससे रुपयों की वापसी कराई जाएगी। लोग उसे सच में पुलिस अधिकारी मानने लगे थे, क्योंकि उसने पुलिस पासिंग परेड के एक ग्रुप फोटो में अपना फोटो चिपका दिया था। जिनसे रुपये वसूल करने होते थे, उनको ये फोटो दिखाकर जाल में फंसाता था।
नोटबंदी से पहले के नोटों का जखीरा बरामद
पुलिस ने बताया कि आरोपी शुभम के पास नोटबंदी में रद्द किए गए 500 और 1000 रुपये के नोट भी मिले हैं। जिनका मूल्य 22,500 रुपये होता है। पुलिस जांच कर रही है कि ये नोट किस तरह से उसके पास आए और वह इन नोटों का क्या करने वाला था। वैसे, गुजरात में पहले भी पीआई और पीएसआई की फर्जी घटनाएं हुई हैं, लेकिन आईपीएस अधिकारी की पहली घटना सामने आई है। यह फर्जी आईपीएस अधिकारी गांधीनगर में रहता था और अहमदाबाद के लोगों को आसानी से ठगता था। वह गांधीनगर में रहता था, इसलिये लोग उस पर आसानी से भरोसा कर लेते थे।