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गुजरात के एक्सपर्ट्स बोले- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में नहीं सीखेंगे तो बेरोजगारी बढ़ेगी

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Gujarat News in hindi, गांधीनगर। स्मार्ट सिटी और ऑटोमेशन के दिन आ रहे हैं, विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में वृद्धि होगी। गुजरात टेकनोलोजीकल युनिवर्सिटी (जीटीयू) में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में रस प्रद चर्चा हुई है। गुजरात के जीटीयू में भी छात्रों को इस विषय पर जोर दिया है और कहा गया है कि, आप इस नये ऑटोमेशन की तर्ज पर काम करें।

Unemployment will increase if you dont learn about Artificial Intelligence: says Gujarati experts

जीटीयू गुजरात की एक ऐसी संस्था है, जहां छात्रों को आने वाले दिनों में क्या होने वाला है, उसी के आधार पर अभ्यास क्रम तय किया जाता है। ऐसे में गुजरात के इंजीनियरिंग छात्रों को मशीन लर्निंग के बारे में भी जानकारीयां मिल रही हैं।

गुजरात टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर नवीन सेठ कहते हैं कि आज की दुनिया में एक महत्वपूर्ण विषय के रूप में इस कार्यशाला के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग का चयन किया गया है। ये दोनों चीजें अगले कुछ वर्षों में सभी व्यक्तियों के रोजमर्रा के जीवन में प्रभावी हो जाएंगी।

उन्होंने कहा कि आज हम जो एक मात्र चीज इस्तेमाल करते हैं वह बायोमेट्रिक सिस्टम का उदाहरण देना है। जिसमें व्यक्ति का फिंगर प्रिंट लिया जाता है और पूरा स्टाफ डेटाबेस तैयार होता है। इंटरनेट के चलते-चलते वर्ष 2020 में स्वचालन और अधिक महत्वपूर्ण हो जाएगा।

गुजरात के टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के अंकुर शर्मा ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग भविष्य में हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन जाएगा। इसका उपयोग वेब खोज, कंप्यूटर जीव विज्ञान, वित्त, ई-कॉमर्स, अंतरिक्ष से संबंधित मुद्दों, रोबोटिक्स, सूचना, सामाजिक नेटवर्क और समस्याओं को हल करने में किया जाएगा। वर्तमान में हम इनमें से कई चीजों का अनुभव कर रहे हैं।

मशीन में सीधी भाषा सीखने के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि मशीन लर्निंग एक ऑटोमेशन है जिसे पहले से प्रोग्राम नहीं किया गया है, लेकिन यह संभव है कि हमारी जरूरत के अनुसार कंप्यूटर और उपकरण को प्रोग्राम किया जाएगा और उसी के अनुसार यह संभव होगा।

अब मशीन सीखने में डेटा और आउटपुट प्राप्त करने की आवश्यकता के आधार पर कंप्यूटर प्रोग्रामेबल सिस्टम लागू किया जाएगा। इसके साथ ही डेटा विज्ञान का महत्व सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के कोडिंग कौशल, गणित और सांख्यिकीविदों के संख्यात्मक ज्ञान और मशीन सीखने के विशेष ज्ञान में वृद्धि करेगा।

गुजरात सरकार के साइंस टेक्नोलॉजी के अधिकारी डॉ. नरोत्तम साहू ने छात्रों को भविष्य की तकनीक के बारे में सोचने के लिए भविष्य में ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने पर जोर दिया। साहू ने सरकार में यह भी कहा है कि कॉलेज में पढ़ने वाले इंजीनियरिंग छात्रों को एआई के बारे में अधिक जानकारी होनी चाहिए। फ़्लोटिंग पाठ्यक्रम उद्योगों के अनुरूप होना चाहिए, ताकि छात्र नई तकनीक के साथ मिश्रण कर सकें।

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English summary
Unemployment will increase if you don't learn about Artificial Intelligence: says Gujarati experts
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