गुजरात पर मानसून इस साल सबसे ज्यादा मेहरबान रहा, यहां 1029mm पानी बरसा, सभी 205 बांध 93% भरे
गांधीनगर। मानसून इस साल गुजरात पर बहुत मेहरबान रहे हैं। राज्य में 25 सितंबर तक बारिश हो रही, कुछ स्थानों पर अभी भी मेघों की गरज सुनाई दे रही है। राज्य आपात संचालन केंद्र द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि इस बार गुजरात में 126% औसत वार्षिक वर्षा दर्ज की गई है। कुल मिलाकर 1,029.54 मिलीमीटर बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश कच्छ एवं दक्षिण गुजरात में क्रमश: 144.58% और 137.73% हुई। जबकि, उत्तर गुजरात के जिलों में वर्षा का औसत 96.69% रहा है। भयंकर बारिश की वजह से राज्य के सभी 205 बड़े बांध पानी से 93% तक भर गए हैं।
गुजरात का सबसे बड़ा बांध 98.54 प्रतिशत भरा
नर्मदा जल संसाधन एवं जल आपूर्ति विभाग की ओर से बताया गया है कि 205 बांध या जलाशयों में 2,36,416 लाख घन फुट पानी है, जो उनकी अपनी क्षमता के 93.73 प्रतिशत तक भरा हुआ है। कुल बांधों में से 46 बांध 90 प्रतिशत तक भरे हुए हैं, जबकि 10 अन्य उनकी भंडारण क्षमता के करीब 80 से 90 प्रतिशत तक भरे हुए हैं।
उत्तर गुजरात क्षेत्र में 15 बांध 61.23 प्रतिशत तक भरे
उत्तर गुजरात क्षेत्र में 15 बांध 61.23 प्रतिशत तक भरे हुए हैं। सबसे खास बात यह है कि राज्य का सबसे बड़ा बांध सरदार सरोवर डैम 98.54 प्रतिशत भरा गया है। इसमें इतना पानी है कि कई जिलों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है।
कई जिलों में वर्षा का प्रतिशत 110 फीसदी से भी ज्यादा रहा
आईएमडी से प्राप्त डेटा के अुनसार, अगस्त में राज्य में 121.89 प्रतिशत औसत बारिश दर्ज की गई। राज्य के कुल 33 में से 22 जिलों में 100% से भी ज्यादा बारिश दर्ज की गई। कुछ जिलों में तो वर्षा का प्रतिशत 110 फीसदी से भी ज्यादा रहा। जबकि, सभी 251 तालुकों में 250 मिमी से अधिक वर्षा हुई। इनमें सबसे ज्यादा 149 तालुका में 501-1000 मिमी बारिश दर्ज की गई। इतना ही नहीं, भयंकर बारिश के चलते राज्य के 72 जलाशय पानी से लबालब हो चुके हैं। वहीं, सरदार सरोवर नर्मदा बांध में 91 फीसदी से ज्यादा जल संग्रह हो चुका है।
भरूच में सर्वाधिक 146.16 फीसदी बारिश हुई
राज्य सरकार के आंकड़ों में बताया गया है कि गुजरात में भरूच जिले में सर्वाधिक 146.16 फीसदी बारिश हुई है। फिर छोटा उदेपुर जिले में 142.71 फीसदी, कच्छ में 140.99 फीसदी, जामनगर में 137.47 फीसदी, बोटाद में 135.33 फीसदी, मोरबी में 132.15 फीसदी, वलसाड में 120.20 फीसदी, सूरत में 119.92 फीसदी, सुरेन्द्रनगर में 117.82 फीसदी, पंचमहाल में 115.78 फीसदी बारिश दर्ज की गई है।
देवभूमि द्वारका में 102.17 फीसदी वर्षा हुई
जबकि, राजकोट में 110.23 फीसदी, नवसारी में 110.18 फीसदी, भावनगर में 107.61 फीसदी, जूनागढ़ में 106.79 फीसदी, आणंद में 106.49 फीसदी, तापी में 106.45 फीसदी, वडोदरा में 103.34 फीसदी, और देवभूमि द्वारका में 102.17 फीसदी तथा खेड़ा में 101.35 फीसदी बारिश हो चुकी है। जिसके चलते राज्य में न सिर्फ पीने के पानी बल्कि सिंचाई की समस्या का भी अंत आने के कारण फसल अच्छी होने की उम्मीद जताई जा रही है।
95% से भी ज्यादा भूमि पर बुवाई हो चुकी
सरकारी रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि गुजरात में अच्छी वर्षा के परिणामस्वरूप खरीफ फसल के मौसम में अब तक कुल 95% भूमि पर बुवाई हो चुकी है। अगस्त के अंत तक, राज्यभर में 80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें बो दी गईं।
उन क्षेत्रों में भी बुवाई हुई, जहां पिछले साल नहीं हो पाई थी
इस बार उन क्षेत्रों में भी रोपण किया गया है जहाँ पिछले साल बारिश नहीं हो पाई थी। इस बार वहां कम ही सही, लेकिन वर्षा जरूर हुई। राज्य का सामान्य खरीफ क्षेत्र 84.76 लाख हेक्टेयर है, जिसमें अभी 4 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रोपण किया जाना बाकी है।
जल संरक्षण परियोजनाओं में देश में नं-1 रहा गुजरात
पिछले दिनों गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने जानकारी देते हुए बताया था कि 'सुजलाम सुफलाम' जल अभियान क्रांति को दो साल पूरे हो गए हैं। नीति आयोग द्वारा घोषित समग्र जल प्रबंधन सूचकांक में, गुजरात को इस अभियान के परिणामस्वरूप लगातार तीसरे वर्ष पहली रैंक मिली है। यानी, यह राज्य जल संरक्षण परियोजनाओं में देश में नंबर-1 रहा।
यहां 9700 झीलें बारिश से ही भर गईं
आंकड़ों के अनुसार, राज्य के विभिन्न जिलों में दो वर्षों में भंडारण क्षमता में 23,553 लाख घन फीट की वृद्धि हुई है। इतना ही नहीं, यहां की 97,00 झीलें बारिश के पानी से ही भर गईं। जबकि, 5775 चेकडैम भी बहाल हुए हैं।
राज्य के 72 जलाशय पानी से लबालब
रिपोर्ट में बताया गया कि गुजरात के कुल 204 जलाशयों में से 72 जलाशय इन दिनों लबालब हैं। जबकि, अन्य 62 में जल संग्रहण 70 से 100 प्रतिशत के बीच है। यानी, कुल मिलाकर ज्यादातर जलाशय, नदी और नालों में पानी भरा हुआ है।
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