सूरत अग्निकांड: मुख्यमत्री विजय रुपाणी के आदेश, गुजरात में सभी ट्यूशन बिल्डिंगों में फायर सेफ्टी की जांच
Gujarat News, गांधीनगर। गुजरात के सूरत में एक ट्यूशन क्लास बिल्डिंग में लगी आग में मरने वालों का आंकड़ा 23 हो गया है। शनिवार को जख्मी दो और छात्रों की मौत हो गई, वहीं 7 की हालत बेहद गंभीर है। इससे पहले शुक्रवार देर रात तक 3 छात्र और 15 छात्राओं समेत 21 की मौत हो गई थी। हादसे के बाद मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के ऐलान के बाद सरकार अब सभी सरकारी और निजी स्कूलों और ट्यूशन कक्षाओं में अग्नि सुरक्षा मानदंडों की जांच करेगी। जिन बिल्डिंग्स में फायर सेफ्टी सुविधा नहीं होगी, उन्हें सील कर दिया जाएगा।
बच्चों की पूरी सुरक्षा करने वाले ट्यूशन क्लास चलाने की ही अनुमति
गुजरात स्कूल शिक्षा सचिव विनोद राव ने कहा है कि हमने गुजरात के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में फायर सेफ्टी की जांच शुरू कर दी है। सरकारी निजी ट्यूशन कक्षाओं में भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसी दुकानों को बंद करने और ट्यूशन क्लास को बंध करने का आदेश दिया गया है। बच्चों की पूरी सुरक्षा करने वाले ट्यूशन क्लास चलाने की ही अनुमति होगी।
मृतक के परिवार को 4 लाख रुपये की राहत देने की घोषणा
सूरत के सनाथल ज़कात नाके के पास तक्षशिला बिल्डींग में जान बचाने के लिए छात्रों ने जलकर और छलांग लगाकर मौत को गले लगा दिया है। इस घटना में 23 बच्चों की मौत हो गई। घटना की गंभीरता को देखते हुए इस मामले में जांच का आदेश दिया गया है और राज्य के मुख्यमंत्री ने मृतक के परिवार को 4 लाख रुपये की राहत देने की घोषणा की है। राज्य में चल रहे सभी ट्यूशन क्लास पर अग्नि और सुरक्षा विभाग द्वारा जांच शुरू कर दी गई है।
जिन बिल्डिंग्स में फायर सेफ्टी के नोर्म्स अच्छे हैं, वही खुलेंगी
सरकार के शिक्षा और शहरी विकास विभाग के अधिकारीओं ने कहा कि राज्यभर में सरकारी और निजी स्कूलों एवं जहां ट्युशन क्लास चलते हैं। वहीं तमाम बिल्डिंग्स को बंद करने का आदेश दिया गया गया है। जब तक जांच पूरी नहीं होगी तब तक इन बिल्डिंग्स के सील नहीं खूलने वाले हैं। एक बार जांच पूरी हो जाने के बाद अगर लगता है कि फायर सेफ्टी के नोर्म्स अच्छे हैं, तो उन्हीं बिल्डिंग्स के सील खुलेंगे।
इन बड़े शहरों में हो रही फायर सेफ्टी की जांच
गुजरात के बडे शहरों जैसे कि सूरत, अहमदाबाद, गांधीनगर, राजकोट, जामनगर, भावनगर, वडोदरा और जूनागढ़ में प्रतिबंधात्मक आदेश दिये गये हैं। सरकार ने सरकारी एवं निजी स्कूलों में भी फायर सेफ्टी की जांच शुरू कर दी है।
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