गांधीनगर न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की आय 5 साल में 1 लाख करोड़ हो जाएगी, 17 देशों से जानवर मंगवाए हैं यहां'

Google Oneindia News

गांधीनगर। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' से आगामी 5 साल में 1 लाख करोड़ रुपए की आय होगी। गोयल ने यह बात तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन के दौरान कही। उनके साथ ही कई अन्य अधिकारी भी 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' और सरदार पटेल ट्रस्ट की संपत्तियों के बारे में चर्चा कर रहे थे। इस दौरान बताया गया कि पहले एक वर्ष में ही इससे 65 करोड़ की कमाई हुई। 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के अलावा केवडिया में म्यूजियम, स्विमिंग पूल, गार्डन एवं जू भी विकसित किए गए हैं। अब दुनियाभर के जानवर सफारी पार्क में देखे जा सकेंगे। सरकार ने 15 देशों से जानवर गुजरात मंगवाए हैं।'

अगले वर्ष 50 लाख पर्यटकों के आने की उम्मीद

अगले वर्ष 50 लाख पर्यटकों के आने की उम्मीद

वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के पास ही सफारी पार्क भी डेवलप किया गया है। यह चिड़ियाघर का हिस्सा है, जिसे 1,300 एकड़ जमीन पर तैयार किया गया गया है। अगले एक साल में 50 लाख पर्यटकों के 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' आने के उम्मीद है। वे लोग 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के आस-पास के पर्यटन स्थलों को भी घूम सकते हैं।'
गुप्ता ने आगे कहा कि सरदार पटेल की प्रतिमा के पास सरदार पटेल प्राणी उद्यान की स्थापना भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा के अनुरूप हुई है। इस क्षेत्र को हम प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने जा रहे हैं।

इन देशों के जानवर अब गुजरात में देखे जा सकते हैं

इन देशों के जानवर अब गुजरात में देखे जा सकते हैं

राजीव कुमार गुप्ता के मुताबिक, केवड़िया में ऐसा विश्व स्तरीय चिड़ियाघर विकसित किया जा रहा है, जहां दुनियाभर के जीव-जंतु देखे जा सकेंगे। इस क्षेत्र को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास एक प्रमुख पर्यटन स्थल के तौर पर तैयार कर रहे हैं। यहां शेर, बाघ, तेंदुए, 12 प्रकार के हिरण और मृग, जिराफ, जेब्रा, गैंडे, बाइसन और अन्य विदेशी जानवर 17 देशों से सफारी पार्क में लाए गए हैं।

हर रोज खर्च हो रहे 12 लाख रुपए

हर रोज खर्च हो रहे 12 लाख रुपए

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' बनाने में 3000 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इसके रख रखाव में ही हर रोज 12 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं। हालांकि, पीयूष गोयल के दावे को माना जाए तो आगामी कुछ वर्ष में ही यह लागत वसूल हो जाएगी। उन्होंने 5 वर्षों में 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर की इनकम होने की उम्मीद जताई है।

सालभर में 27 लाख लोग प्रतिमा देखने पहुंचे

सालभर में 27 लाख लोग प्रतिमा देखने पहुंचे

भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (ASI) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल प्रतिमा के उद्घाटन के बाद से अब तक 27 लाख लोग 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' देखने पहुंचे। 2018 में 31 अक्टूबर को इस प्रतिमा का उद्घाटन हुआ था। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवडिया में वर्षगांठ समारोह को चिह्नित किया था।

स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के बराबर पयर्टक आ रहे यहां

स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के बराबर पयर्टक आ रहे यहां

न्यूयॉर्क हार्बर पर लिबर्टी द्वीप पर 133 साल पुरानी 92 मीटर लंबी स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को देखने के लिए लगभग 10,000 पर्यटक जाते हैं। वहीं, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए भी 10 हजार लोग आए। इन दिनों यहां लगभग 8,500 पर्यटक आ रहे हैं। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के अनावरण के पहले 11 दिनों में 1,28,000 से अधिक पर्यटक पहुंचे थे। शुरुआती दिनों के दौरान वीकेंड पर लगभग 50,000 पर्यटक आए थे।

जन्माष्टमी के मौके पर सबसे ज्यादा पर्यटक आए

जन्माष्टमी के मौके पर सबसे ज्यादा पर्यटक आए

सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, इसी साल जन्माष्टमी के एक दिन बाद 34 हजार पर्यटक लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की इस प्रतिमा को देखने पहुंचे। यह संख्या अब तक एक दिन में पहुंचे टूरिस्ट्स की सबसे बड़ी संख्या है। इससे पहले श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को 31700 पर्यटकों के पहुंचने से दीपावली पर बना एक दिन में सर्वाधिक 28400 पर्यटकों का रिकॉर्ड टूटा था। 24 घंटे के अंदर ही 34000 पर्यटकों के पहुंचने का रिकॉर्ड दर्ज हो गया था।

2 दिन में 66 हजार लोग स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचे

2 दिन में 66 हजार लोग स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचे

'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' अथॉरिटी से जुड़े व्यवस्थापकों ने बताया कि जन्माष्टमी वाले 2 दिनों में 66 हजार लोगों के पहुंचने से प्रबंधन को 1 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था। उन्होंने बताया कि अमूमन नेशनल हॉलीडे पर यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ती है। किंतु, सामान्य दिनों में 6 टिकट खिड़कियां कार्यरत रहती हैं। इन खिड़कियों की संख्या बढ़ानी पड़ी है।

भयंकर गर्मी में भी टूरिस्ट्स के बीच था खुमार

भयंकर गर्मी में भी टूरिस्ट्स के बीच था खुमार

इसी साल मई में प्राप्त डेटा के अनुसार, प्रतिमा के अनावरण वाले महीने से लेकर 7वें महीने तक सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट को टूरिस्ट्स से 35 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। मई-जून में गुजरात में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा दर्ज किया गया, तब उस भयंकर गर्मी में भी सरदार पटेल की 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के लिए टूरिस्ट्स में काफी दिलचस्पी दिखी। हर रोज करीब 10 हजार लोग इसके दीदार करने पहुंचे।

1 नवंबर-2018 से आम लोगों के लिए खुली

1 नवंबर-2018 से आम लोगों के लिए खुली

लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की यह प्रतिमा (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) 182 मीटर ऊंची है। दुनिया में यह सबसे ज्यादा ऊंची प्रतिमा है। पहले स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी का नाम चर्चित था, अब लोगों की जुबां पर 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' ज्यादा होती है। अक्टूबर-2018 में इसका अनावरण हुआ था। 1 नवंबर-2018 से यह आम लोगों के लिए खुली हुई है।

पटेल के 143वें जन्मदिन के मौके पर अनावरण हुआ

पटेल के 143वें जन्मदिन के मौके पर अनावरण हुआ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में 31 अक्टूबर को सरदार सरोवर डैम के निकट 'साधू बेट' स्थान पर इस मूर्ति का अनावरण किया। देश के प्रथम उप-प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री "लौह पुरूष" सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की ये प्रतिमा उन्हीं के 143वें जन्मदिन के मौके पर पब्लिक को सौंपी गई।

2013 में काम शुरू हुआ, 33 महीने में बन गई

2013 में काम शुरू हुआ, 33 महीने में बन गई

31 अक्‍टूबर, 2013 के दिन इस प्रतिमा की रूपरेखा तैयार हुई. भारत की ही एक बहुराष्‍ट्रीय कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (Larsen and Tubro) ने सबसे कम बोली लगाकर इसके निर्माण कार्य व रखरखाव की जिम्‍मेदारी ली। 33 माह (लगभग ढाई साल) के कम समय में इस प्रतिमा का बुनियादी ढ़ांंचा बना, जो भी एक वर्ल्ड रिकॉर्ड रहा।

7 किलोमीटर दूर से नजर आ जाती है यह

7 किलोमीटर दूर से नजर आ जाती है यह

यह प्रतिमा 597 फीट ऊंची है, जो 7 किलोमीटर दूर से नजर आती है। यह इतनी विशाल है कि 30 फीट का तो चेहरा ही बनाया गया। इसमें 3डी टेक्नीक यूज की गई।

70 फीट लंबे हाथ हैं, पैरों की ऊंचाई 85 फीट

70 फीट लंबे हाथ हैं, पैरों की ऊंचाई 85 फीट

प्रतिमा के होंठ, आंखें और जैकेट के बटन 6 फीट के इंसान के कद जितने बड़े हैं। 70 फीट लंबे हाथ हैं, पैरों की ऊंचाई 85 फीट से ज्यादा है।

4 धातुओं के मिश्रण से बनी, 85% तांबा

4 धातुओं के मिश्रण से बनी, 85% तांबा

यह प्रतिमा 4 धातुओं के मिश्रण से बनी है, लेकिन सबसे ज्यादा 85% तांबा इस्तेमाल हुआ है। ऐसे में इसमें जंग लगने का भी डर नहीं है। एक लिफ्ट भी लगाई है, जिससे प्रतिमा के हृदय तक जा सकेंगे।

17 KM लंबे तट पर फैली फूलों की घाटी

17 KM लंबे तट पर फैली फूलों की घाटी

यहां से लोगों को सरदार सरोवर बांध के अलावा नर्मदा के 17 किमी लंबे तट पर फैली फूलों की घाटी का नजारा दिख सकता है। अपनी तरह की पहली और सबसे बड़ी प्रतिमा के लिए मटेरियल जुटाने पर भी बहुत मेहनत हुई।

6 लाख लोगों को लोहा-तांबा जुटाने में लगाया गया

6 लाख लोगों को लोहा-तांबा जुटाने में लगाया गया

जब ये तय हुआ कि सरदार पटेल की सबसे बड़ी प्रतिमा बनेगी तो सवाल ये था कि इतना लोहा कहां से जुटाएं? इसके लिए गुजरात सरकार ने "सरदार वल्‍लभ भाई पटेल राष्‍ट्रीय एकता ट्रस्‍ट" बनाया, जिसके तहत देशभर में 36 दफ्तर खुले और करीब 6 लाख लोगों को लोहा-तांबा इकट्ठा करने में लगा दिया गया।

5 हजार मैट्रिक टन लोहा किसानों से मिला

5 हजार मैट्रिक टन लोहा किसानों से मिला

किसानों से ही लगभग 5 हजार मैट्रिक टन लोहा दान में मिला। 57,00,000 किलो तो स्टील ही था। मटेरियल मिलते रहने पर इस मूर्ति को बनाने में 3400 मजदूरों, 250 इंजीनियरों ने कम से कम 42 महीने काम किया। लागत 2990 करोड़ रुपए आई।

पटेल से जुड़े 2000 दुर्लभ फोटो देख सकेंगे

पटेल से जुड़े 2000 दुर्लभ फोटो देख सकेंगे

यह प्रतिमा तैयार होने के साथ ही सरदार म्यूजियम भी बन रहा है। इस म्यूजियम में पटेल से जुड़े 40,000 दस्तावेज और उनके करीब 2000 दुर्लभ फोटो देख सकेंगे। अब चहुंओर इसी मूर्ति के चर्चे हो रहे हैं।

प्रतिमा के पास ही ये सुविधाएं भी हैं

प्रतिमा के पास ही ये सुविधाएं भी हैं

सरकार ने पर्यटकों को लुभाने के लिए कई नई सुविधाएं शुरू की हैं। हाल ही 5 किलोमीटर तक रिवर राफ्टिंग के अलावा बटरफ्लाई पार्क, जंगल सफारी पार्क और चिल्ड्रन न्यूट्रिशन पार्क आदि की सुविधा शुरू हुई। साथ ही गुजरात पर्यटन निगम पर्यटकों को रहने के लिए टेंट प्रदान करने लगा।

30 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स पर चल रहा काम

30 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स पर चल रहा काम

प्रतिमा बनने में ही 3000 करोड़ खर्च हो गए थे। मगर, अब भी यहां हजारों करोड़ खर्चेंगे। दुनिया का प्रतिष्ठ पर्यटन स्थल बनाने के लिए सरकार ने यहां 30 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स शुरू कराए हैं। यहां कई और गार्डन, रास्ते, होटल्स, सफारी पार्क एवं अन्य मनोरंजक पार्क स्थापित होने हैं। नर्मदा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ऐसी तैयारियां हो गई हैं, आदिवासियों को अपनी जमीन छोड़ने ही होगी।

टाइम की टॉप—100 ग्रेट साइट्स में मिली जगह

टाइम की टॉप—100 ग्रेट साइट्स में मिली जगह

विगत महीने मशहूर अमेरिकी पत्रिका टाइम ने विश्व के महानतम स्थानों की सूची में 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को भी शामिल किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताते हुए इस पर ट्वीट भी किया था। बीते दिनों मोदी ने यह भी बताया कि रोजाना कितने पर्यटक 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' देखने आ रहे हैं।

कैसे पहुंचें? ये हैं जाने के लिए रास्ते

कैसे पहुंचें? ये हैं जाने के लिए रास्ते

'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' तक पहुंचने के लिए एयरपोर्ट और रेल लाइन के लिए वडोदरा सबसे नजदीक है। यहां से केवड़िया 89 किलोमीटर की दूरी पर है। सड़क मार्ग से भी केवड़िया पहुंचा जा सकता है। साथ ही भरूच भी नजदीकी रेलवे स्टेशन है।

अहमदाबाद से 200 किमी है इसकी दूरी

अहमदाबाद से 200 किमी है इसकी दूरी

अहमदाबाद से आने वाले लोगों को 200 किमी की दूरी तय करनी होगी। इसके अलावा साबरमती रीवरफ्रंट से पंचमुली लेक तक सीप्लेन सेवा चलाए जाने की योजना है।

केवड़िया पहुंचने पर प्रतिमा तक ऐसे जाएं

केवड़िया पहुंचने पर प्रतिमा तक ऐसे जाएं

केवड़िया पहुंचने के बाद साधु-बेट आइलैंड तक आना होगा। केवड़िया से साधु आइलैंड तक 3.5 किमी तक लंबा राजमार्ग भी बनाया गया है। इसके बाद मेन रोड से 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' तक 320 मीटर लंबा ब्रिज लिंक भी बना हुआ है।

Comments
English summary
Statue of Unity will generate an ecosystem of 15 billion dollars annually: Piyush Goyal
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X