गुजरात सरकार को ST निगम नहीं दे रहा बकाए के 3248 करोड़, यहां दौड़ रही हैं इसकी 8090 बसें
गांधीनगर। गुजरात में सरकार को एसटी निगम से भी नियमित बकाया राशि नहीं मिल पा रही है। निगम कमाई कर लेता है, लेकिन कमाई सरकार तक नहीं पहुंच रही। बकाया की वसूली की यह रकम 3248 करोड़ तक पहुंच गई है। अभी तक कहा जाता था कि गुजरात में विभिन्न कंपनियां सरकार को पैसा नहीं देती हैं, लेकिन अब सरकारी अथॉरिटी के द्वारा भी भुगतान नहीं किए जाने का मामला सामने आया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार एसटी निगम को अपने बकाया राशी का भुगतान करने के सालाना जो यात्री कर वसूल होता है वह देती है। हालांकि, यात्री कर राजस्व एसटी निगम को ऋण का भुगतान करने के लिए दिया जाता है, लेकिन निगम के अधिकारी सरकार के शेष बकाए का भुगतान नहीं पा रहे हैं।
गुजरात में एसटी निगम की 8090 बसें सडकों पर दौड़ती हैं जिनमें पिछले साल 545 नई बसें रखी गई हैं। इस साल भी सरकार 1000 से ज्यादा एसटी बस खरीद करेंगी। आज एसटी बसों में प्रति दिन 20.38 लाख यात्री यात्रा करते हैं, इसलिए निगम की आय पिछले साल के 2603.57 करोड़ रुपये के मुकाबले बढकर 2889.47 करोड़ हो गई है। राज्य सरकार आधुनिक बसस्टेशन तो बनाती है, लेकिन यात्री के लिए पर्याप्त बसें उपलब्ध नहीं हैं, परिणाम स्वरूप लोग निजी वाहनों में यात्रा करते हैं।
एसटी निगम को 78.38 करोड़ के यात्री कर का भुगतान करना है। मोटर वाहन कर राशि 23.11 करोड़ हो चुकी है। ऋण की राशि 3160 करोड़ रुपये है। सब मिला के कुल राशि 3248.56 करोड़ रुपये है। हालांकि, ऋण पर ब्याज इक्विटी में परिवर्तित हो जाता है, इसलिए ब्याज का भुगतान करने का कोई सवाल पैदा नहीं है, लेकिन शेष राशि का भुगतान एसटी निगम द्वारा किया जाना चाहिये। शेष राशि के लिए सरकार ने एसटी निगम को कई बार पत्र भी लिखे हैं।
सरकार ने पहली बार यात्रा कर की भरपाई के लिए गुजरात एसटी निगम को 126 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। 52.81 करोड़ के ऋण के पुनर्भुगतान के लिए भी सरकार ने राशि निगम को दी है। सरकार ने दूसरे वर्ष में, एसटी निगम को ऋण सहायता के तहत यात्री कर की भरपाई के लिए 112.66 करोड़ रुपये भी दिए हैं, लेकिन एसटी निगम की बाकी राशि भुगतान नहीं हो रही है।