10 तो क्या अब गुजरात में 5 रु. के नोट और सिक्के भी नहीं ले रहे व्यापारी, शिकायतों से भौंचक्क है RBI
गांधीनगर। देश में कई राज्यों में, खासकर ग्रामीण इलाकों में 10 रुपए के सिक्के, एक रुपए के छोटे साइज वाले सिक्के नहीं लिए जा रहे हैं। मजबूर में लोगों को बैंकों का रूख करना पड़ता है। गुजरात, यूपी और बिहार समेत कई प्रांत में इन सिक्कों को न तो विक्रेता लेते हैं और न ही वाहन चलाने वाले। अब तो गुजरात में 5 रुपए के नोट और सिक्के भी लेना लगभग बंद हो गया है। जबकि, भारतीय रिजर्व बैंक एवं एक्सचेंज से ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है कि सिक्के बंद हों, लेकिन अहमदाबाद में दुकानदार 5 रुपये का सिक्का औऱ नोट का स्वीकार ही नहीं कर रहे। यहां पहले व्यापारी 10 रुपये के सिक्के को ठुकराते थे, अब पांच रुपये तक बात आ गई है।
10 के बाद अब 5 रुपए के नोट और सिक्के से भी कतराने लगे
ऐसी शिकायतों को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ठ किया है कि कोई भी मुद्रा को कोई भी व्यक्ति स्वीकार करने से इनकार नहीं कर सकता। मगर, ये आदेश तो कान पर जूं रेंगने के समान हैं, न तो ऑटो वाले और न ही कोई शॉप कीपर इन सिक्कों को लेते हैं। जबकि, आमजन कई बार कहते देखे गए हैं कि सरकार ने न तो 10 रुपए का सिक्का बंद किया है और न ही 5 रुपए के नोट और सिक्के बंद किए हैं। फिर, भी क्यों नहीं लिया जा रहा?
कई बार बदला डिजाइन, 10 रुपए के 14 तरह के सिक्के आए, बंद नहीं हुए
5 रुपए का सिक्का और नोट देश में दशकों पहले से चलन में हैं। समय के साथ उनका डिज़ाइन बदल जाता है, लेकिन अभी तक रिज़र्व बैंक द्वारा इसे मुद्रा से वापस लेने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में अहमदाबाद समेत कुछ शहरों में, खुदरा व्यापारियों और दुकानदारों ने ग्राहकों से 5 रुपये के नोट और सिक्के लेना बंद कर कर दिया है।
इस तरह के तर्क देते हैं व्यापारी
5 रुपए के सिक्के को नहीं लेते हुए एक व्यापारी कहता है कि 'यहां ये नोट और सिक्के नहीं चल रहे। हम नहीं ले सकते।' यह कहकर वापस थमा दिया। लेकिन ताज्जुब होता है कि वे इन्हें लौटाने का कोई कारण नहीं बता पाते। कुछ व्यापारियों ने कहा कि कई ग्राहकों ने पांच रुपये के नोट नहीं लिए थे, तो हमने भी बंद कर दिया।
सिक्के नहीं लेने पर करा सकते हैं रिपोर्ट दर्ज
दूसरी ओर, अहमदाबाद के ही कुछ इलाकों में पांच रुपए को स्वीकार नहीं करने की शिकायतें कलेक्टर कार्यालय तक पहुंच गई हैं। जिला कलेक्टर डॉ. विक्रांत पांडे पांच रुपए को स्वीकार नहीं करने वाले व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यापारी पांच रुपये के नोट या सिक्के नहीं स्वीकार करता है, तो उसके खिलाफ कलेक्टर के कार्यालय में शिकायत की जा सकती है। साथ ही डीलर के खिलाफ भी आपराधिक मुकदमा चलाया जाएगा।
बैंक और रेलवे ही स्वीकार कर पा रहे हैं सिक्के
दुकानदारों के अलावा यह भी पाया गया कि सब्जियों वाले खुदरा व्यापारी भी 5 रुपये के नोट को स्वीकार नहीं करते हैं। सार्वजनिक प्रणाली जैसे बस या एएमटीएस में पाँच रुपये की मुद्रा चलन में है। कुल मिलाकर अब हाल ये हो गए हैं कि सरकारी संस्था में ही किसी जगह ये नोट या सिक्का चल रहे हैं, लेकिन निजी लेन-देन में लोगों औऱ व्यापारियों ने भारतीय पांच और 10 के सिक्के बंद ही कर दिए हैं।