गुजरात में 6030 करोड़ का GST घोटाला, 282 फर्म जांच के दायरे में, इन शहरों में बैठे हैं घपलेबाज!
गांधीनगर। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने के बाद से गुजरात में काफी घोटाले और टैक्स चोरी के मामले सामने आ चुके हैं। अब राज्य जीएसटी विभाग (एसजीएसटी) ने नकली बिलिंग के बड़े घोटाले पकड़े हैं। जांच के दायरे में ली गईं 282 फर्मों द्वारा 6,030 करोड़ रुपये से भी ज्यादा के फर्जी चालान का रहस्योद्घाटन हुआ है। ये नकली बिल, इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा करने के लिए तैयार किए गए थे। एसजीएसटी विभाग का अंदाजा है कि अरबों के खेल में 910 करोड़ रुपये के टैक्स का भुगतान किया गया। फर्जी बिलों की वजह से माल की वास्तविक आवाजाही के बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की ये धोखाधड़ी की जाती रही थीं।
282 फर्मों द्वारा 6,030 करोड़ रुपये से भी ज्यादा के फर्जी चालान बने
कमर्शियल टैक्स के कमिशनर पीडी वाघेला के मुताबिक, "यह एक संगठित घोटाला है जिसमें किंगपिन ने अन्य लोगों के साथ-साथ दैनिक वेतनभोगी, चपरासी और मजदूरों जैसे यादृच्छिक व्यक्तियों के नाम पर जीएसटी पंजीकरण प्राप्त किए हैं। इन किस्सों में फर्जी खरीद चालान तैयार किए गए हैं। इन बिलों को वास्तविक व्यापारियों को एकमुश्त राशि पर बेचा जाता है, जो न केवल ग्रे मार्केट से सामान खरीद कर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करते हैं, बल्कि अवैध रूप से करों को भी निकालते हैं। उत्पन्न किए गए नकली बिलों की तत्काल जांच शुरू करना महत्वपूर्ण था, क्योंकि सरकारी खजाने को हो रहा और नुकसान रोका जा सके।"
इन शहरों की हैं घोटाले की जिम्मेदार कंपनियां
घपले में शामिल फर्मों में अहमदाबाद में 84, सूरत में 62, मोरबी में 55, भावनगर में 17, वापी में 16, गांधीधाम में 13, राजकोट में 10, गांधीनगर में 9, वडोदरा में 7 और राज्य के अन्य हिस्सों में 9 शामिल हैं। विभाग ने पुष्टि की कि टैक्स चोरी में शामिल कंपनियां व्यापक तौर पर धातुओं, लौह और अलौह धातुओं के स्क्रैप, सिरेमिक और रसायनों के व्यवसाय में थीं। वाघेला ने कहा, "इसमें शामिल ज्यादातर कंपनियां 12% और 18% टैक्स स्लैब के दायरे में आती हैं। हमने फर्जी बिलिंग घोटाले के खतरे को रोकने के लिए व्यापार और उद्योग निकायों से कई अभ्यावेदन प्राप्त किए हैं।''
राज्य में अब तक 7 बड़े घोटाले सामने चुके
फर्जी
बिलिंग
घोटाले
के
सिलसिले
में
अब
तक
SGST
विभाग
ने
15
लोगों
को
नामजद
किया
था
और
उनके
खिलाफ
चार्जशीट
दायर
की
गई
थी।
राज्य
वाणिज्यिक
कर
विभाग
के
विशेष
आयुक्त
अजय
कुमार
ने
कहा
कि
राज्य
में
आज
तक
कुछ
सात
बड़े
फर्जी
घोटाले
सामने
आए
हैं,
जिसमें
3,434
करोड़
रुपये
के
फर्जी
चालान
करों
से
बचने
के
लिए
बनाए
गए
हैं।
वाणिज्यिक
कर
विभाग
के
अधिकारी
ने
कहा
कि
नकली
बिलिंग
घोटाले
के
माध्यम
से
कर
चोरी
न
केवल
राज्य
के
खजाने
को
नुकसान
पहुंचा
रही
है,
बल्कि
वास्तविक
कंपनियों
के
लिए
एक
अस्वास्थ्यकर
बाजार
की
प्रतिस्पर्धा
भी
पेश
कर
रही
है
जो
नियमित
रूप
से
करों
का
भुगतान
करते
हैं।