RTI एक्टिविस्ट अमित जेठवा हत्याकांड में पूर्व सांसद दीनू सोलंकी समेत सभी 7 आरोपियों को उम्रकैद
गांधीनगर। गुजरात में आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की हत्या के मामले में सीबीआई कोर्ट ने सभी सात आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इन आरोपियों में भाजपा के पूर्व सांसद दीनू बोघा सोलंकी, भतीजा शिवा सोलंकी, उदाजी ठाकोर, शैलेष सोलंकी, शिवा पचान, बहादुर सिंह वाढेर और संजय चौहान शामिल हैं। सभी आरोपियों को पिछले हफ्ते ही दोषी करार दिया गया था। अमित जेठवा की हत्या वर्ष 2010 में हुई थी। कोर्ट ने इस हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंपी थी, जिसमें दीनू सोलंकी और अन्य आरेापियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई थी।
15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया
सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने दीनू सोलंकी और शिवा सोलंकी को आजीवन कारावास देने के साथ ही 15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जेठवा मर्डर के इस हाईप्रोफाइल केस में विशेष न्यायाधीश केएम दवे द्वारा दोषी करार दिए गए सातों आरोपियों पर कुल 25 लाख रुपये का जुर्माना लगा है। 25 लाख के जुर्माने में शैलेश पंड्या पर 10 लाख का जुर्माना, उदाजी ठाकोर पर 25,000 का जुर्माना, शिवा पचाण पर 8 लाख, बहादुर सिंह वाढेर (पुलिस कांस्टेबल) पर भी 10 लाख का जुर्माना लगाया गया है। संजय चौहान नामक अभियुक्त पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगा है।
मृतक जेठवा के पत्नी-बच्चों को मिलेगी सहायता
सातों दोषियों पर लगाए गए 25 लाख रुपए के जुर्माने की इस राशि में से 11 लाख रुपए जेठवा के परिजनों को दिए जाएंगे। जिसमें 5 लाख अमित जेठवा की पत्नी और 3-3 लाख उसके दो बच्चों को दिए जाएंगे।
हाईकोर्ट के पास ही मार दिए गए थे अमित जेठवा
अमित जेठवा जूनागढ़ के आरटीआई एक्टिविस्ट थे। 20 जुलाई 2010 को गुजरात हाईकोर्ट के पास सत्यमेव कॉम्प्लेक्स में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सोला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज होने के बाद इस केस की जांच अपराध शाखा को सौंप दी गई थी। क्राइम ब्रांच ने दीनू बोघा सोलंकी के भतीजे शिवा सोलंकी को पहले गिरफ्तार किया था।
ऐसे घपलों को उजागर करने में जुटे थे जेठवा
संवाददाता के अनुसार, जूनागढ़ में हो रहे खनिज के अवैध खनन को लेकर अमित जेठवा ने बहुत सारी आरटीआई की थीं। विशेष रूप से कोडिनार और पीआईएल के आसपास चलने वाले अवैध खनिज खनन दीनू सोलंकी के नियंत्रण में था। इस खनन में दीनू सोलंकी का बडा हिस्सा था। जब अमित जेठवा को मार देने की धमकी मिली, उसी दिन उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई थी। जिसके बाद हाइकोर्ट के सामने सत्यमेव की इमारत में जेठवा मृत हालत में एक वकील को मिले थे।
मृतक के पिता ने कहा- संविधान की जीत हुई
मृतक अमित जेठवा के पिता भीखभाई जेठवा ने कहा कि मेरे बेटे की हत्या के मामले में सीबीआई कोर्ट ने जिस तरह का फैसला दिया है, उससे न्यायपालिका और संविधान की जीत हुई है।
एक गवाह रामा हज़ानी की गवाही रही अहम
पूरी जांच-पड़ताल के दौरान, 192 गवाहों में से 155 गवाह होस्टाइल हो गए थे। दीनू बोघा सोलंकी के फार्म हाउस के रामा हजानी सहित 27 गवाहों के बयान फिर से लिए गए थे, जिसमें भी कई होस्टाइल हो गये थे। वहीं, रामा हज़ानी एक ऐसे व्यक्ति रहे, जो अमित जेठवा हत्याकांड में एकमात्र गवाह थे। वह उस स्थान पर मौजूद थे, जहां अमित जेठवा की हत्या की साजिश रची गई थी।
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