देश में कपास का उत्पादन घटकर 321 लाख गांठ हुआ, गुजरात में ये 82.50 लाख गांठ तक रह जाएगा
Gujarat News, गांधीनगर। पिछले साल 105 लाख गांठ कपास का उत्पादन कर चुके गुजरात में अब खराब मौसम की वजह से उत्पादन में कटौती हो रही है। चालू सीजन में यहां 82.5 लाख गांठ का ही उत्पादन होने के आसार हैं। यही हुआ तो इस साल गुजरात में कपास का उत्पादन 2008 के बाद सबसे कम होगा। बता दें कि, बारिश नहीं होने के चलते और खराब मौसम की वजह से राज्य में फसलों पर बुरा असर पड़ रहा है।
एक
गांठ
कपास
का
मतलब
क्या
होता
है?
एक
गांठ
का
तात्पर्य
170
किलोग्राम
कपास
से
है।
यहां
राज्य
के
प्रति
हैक्टेयर
उपज
में
गिरावट
होने
पर
इस
बार
2018-19
में
82.5
लाख
गांठ
ही
कपास
के
उत्पादन
की
बात
कॉटन
एसोसिएशन
ऑफ
इंडिया
(सीएआई)
के
अध्यक्ष
अतुल
एस.
गणात्रा
द्वारा
कही
गई
है।
कॉटन
एसोसिएशन
ऑफ
इंडिया
के
ताजा
अनुमान
के
मुताबिक,
प्रमुख
कपास
उत्पादक
राज्यों
तेलंगाना,
कर्नाटक
और
आंध्रप्रदेश,
गुजरात
और
महाराष्ट्र
के
साथ
ही
तमिलनाडु
और
ओडिशा
में
कपास
के
उत्पादन
में
कमी
आएगी।
इसमें
गुजरात
में
कपास
का
उत्पादन
गिरने
का
मुख्य
कारण
राज्य
के
कपास
उगने
वाले
क्षेत्रों
में
अल्प
वर्षा
होना
है।
देश
में
कपास
का
उत्पादन
घटकर
321
लाख
गांठ
पर
आया
कृषि
विशेषज्ञों
के
अनुसार,
बीटी
कपास
को
आमतौर
पर
अधिक
पानी
की
जरूरत
होती
है
और
इस
साल
सिंचाई
के
पानी
की
कम
उपलब्धता
के
कारण
बुरा
असर
पड़ा
है।
गुजरात
में
प्रति
हैक्टेयर
पैदावार
532
किलोग्राम
तक
जाने
का
अनुमान
है,
पिछले
वर्ष
वह
619
किलोग्राम
था।
राज्य
के
कृषि
विभाग
के
आंकड़ों
से
पता
चलता
है
कि
गुजरात
में
कपास
का
रकबा
2018-19
में
बढ़कर
27.12
लाख
हैक्टेयर
हो
गया,
जो
2017-18
में
26.02
लाख
हैक्टेयर
था।
गुजरात
में
कम
उत्पादन
ने
भारत
में
समग्र
उत्पादन
को
भी
कम
कर
दिया
है।
भारत
में
कपास
का
उत्पादन
पिछले
साल
365
लाख
गांठ
था,
जो
इस
साल
घटकर
321
लाख
गांठ
पर
आ
गया
है।
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