कांग्रेस को गुजरात में फिर मात देने के लिए भाजपा ने बनाया प्लान, राज्यसभा सीटें कब्जाने में जुटी
गांधीनगर। गुजरात में राज्यसभा की दो सीटों के लिये 5 जुलाई को चुनाव होगा। भारतीय चुनाव आयोग के नॉटिफिकेशन को देखते हुए सत्ताधारी भाजपा अपनी रणनीति को जुट गई है। राजनीतिक हलकों में चर्चा हैं कि कांग्रेस का संख्या बल होने के बावजूद भाजपा ही जीत सकती है, जबकि कांग्रेस के खाते में एक सीट भी नहीं आने की संभावना है।
गुजरात में भाजपा के अध्यक्ष और देश के गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने गुजरात की राज्यसभा की दो सीट ख़ाली कर दी थी। भाजपा एक भी सीट गवाँ देना नहीं चाहती। भारतीय चुनाव आयोग ने भी भाजपा को फ़ायदा हो सके ऐसे दो नॉटिफिक्शन अलग अलग किये है। गुजरात की दो राज्यसभा सीटों के चुनाव पर जारी नॉटिफिकेशन ने कांग्रेस के अरमानों पर पानी फेर दिया। चुनाव आयोग ने दो सीटों के लिए दो अलग अलग नोटिफिकेशन जारी किया है, इसलिये दो उम्मीदवारों के लिए दो बैलेट पेपर होंगे। यानी दोनों सीटों भाजपा के खाते में ही जाएगी।
गुजरात में राज्यसभा की दो रिक्त सीटों के लिए मतदान 5 जुलाई को होगा। राज्यसभा की दो सीटें अमित शाह और स्मृति ईरानी के इस्तीफे के बाद रिक्त हैं। अमित शाह गुजरात में गांधीनगर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जबकि स्मृति इरानी उत्तर प्रदेश के अमेठी से चुनी गई हैं।
चुनाव आयोग ने अपने नोट में कहा है कि यह स्पष्ट किया गया है कि राज्य सभा सहित सभी सदनों के लिए उपचुनाव के लिए रिक्तियों को अलग रिक्तियों के रूप में माना जाता है और अलग-अलग अधिसूचनाएँ जारी की जाती हैं और प्रत्येक रिक्तियों के लिए अलग-अलग मतदान होता है। हालांकि उपचुनाव के लिए कार्यक्रम का कार्यक्रम आम हो सकता है। यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 147 से 151 के प्रावधानों के अनुरूप है और ऐसे मामलों में आयोग का लगातार अभ्यास रहा है।
सूत्रों के मुताबिक़ कांग्रेस इस राज्यसभा चुनाव के लिये अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी। वहीं भाजपा भी अपने दो उम्मीदवार खड़ा करने जा रही है। गुजरात में नामांकन भरने की अंतिम तिथि 25 जून है। तब तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। यदि दो खाली राज्यसभा सीटों के उपचुनाव संयुक्त रूप से होते हैं और कांग्रेस के विधायकों ने जनादेश के अनुसार वोट डाला, तो भाजपा एक सीट खो सकती है और दूसरे को बरकरार रख सकती है। हालाँकि, चुनाव आयोग के अनुसार, रिक्तियां अलग हैं और इसलिए प्रत्येक रिक्ति के लिए अलग अधिसूचना और अलग मतदान होगा।
इसके साथ, सत्तारूढ़ भाजपा दोनों रिक्त सीटों को जीतने के लिए पूरी तरह तैयार है। कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने हाल ही में दोनों खाली सीटों के लिए एक साथ चुनाव की मांग की थी। चुनाव आयोग ने अपने नोट में इसलिए स्पष्ट किया है कि अलग मतदान का निर्णय दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार है।
गुजरात विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या 100 है, जब की कांग्रेस के पास 71 विधायक है। नियम और संख्याबल को देखते हुये कांग्रेस के खाते में एक सीट जा सकती है, लेकिन नोटिफिकेशन के हिसाब से मतदान अलग अलग होने की वजह से कांग्रेस का उम्मीदवार जीत नहीं सकता है।
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