गुजरात में भी बी-टाउन बसाना चाहते थे मोदी, एक्टर्स ने की बड़ी-बड़ी बातें 8 साल से हुआ कुछ नहीं
Gujarat
News,
गांधीनगर।
गुजरात
में
मुंबई
जैसी
मायानगरी
(बॉलीवुड-टाउन)
स्थापित
करने
के
लिए
नरेंद्र
मोदी
और
राज्य
सरकार
ने
काफी
प्रयास
किए
लेकिन
अभी
तक
वो
सपना
अधूरा
ही
है।
यहां
राज्य
के
उद्योग
एवं
पर्यटन
विभाग
उन
ख्वाबों
को
हकीकत
में
नहीं
बदल
सके
हैं,
जिनसे
फिल्म
सिटी
एवं
एंटरटेनमेंट
जोन
बसाने
जाने
थे।
वहीं,
यहां
कम
होती
शूटिंग
की
दिलचस्पी
ये
भी
इशारा
कर
रही
है
कि
फिल्मी
दुनिया
के
दिग्गजों
ने
गुजरात
का
एक्सपीरियंस
पा
लिया
है।
काफी
बातें
और
प्रोजेक्ट्स
के
शुरू
होने
की
कोशिशों
के
बीच
आठ
साल
से
स्थिति
जस
की
तस
है।
ऐसे
में
गुजरात
में
फिल्म
सिटी
बनाने
का
प्रपोजल
भी
ठोस
नतीजे
पर
नहीं
पहुंच
सका
है।
सरकार
को
लगता
है
कि
फिल्मकारों
के
जो
बड़े-बड़े
वादे
थे,
वो
ही
गुजरात
में
इन्वेस्टमेंट
नहीं
करना
चाहते।
अब
तक
क्या
हुआ,
डालिए
एक
नजर:-
गुजरात में बसाई जानी थी फिल्म सिटी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उनका ख्वाब था कि गुजरात की भूमि में गुजराती, हिन्दी और विभिन्न भारतीय भाषाओं की फिल्में शूट हों। इसलिए यहां दस जगहों पर फिल्म सिटी और 21 जगह पर स्पेशल एंटरटेनमेन्ट जोन बनाने पर विचार किया गया था। दो साल तक फिल्मी निर्माता, निर्देशक और फिल्म कलाकार गुजरात में नरेन्द्र मोदी के इर्द-गिर्द घूमते रहे। तब मोदी ने एक प्रपोजल सामने रखा, जिसमें कई निर्माता अपना फिल्म स्टूडियो शुरू करने एवं फिल्म में इंस्टीट्यिूट स्थापित करने को तैयार हो गए थे।
बी—टाउन के लिए मोदी से मिले थे ये एक्टर्स
फिल्म कलाकारों में अनुपम खैर, रविना टंडन, जॉन अब्राहम, परेश रावल, जूही चावला, संजय दत्त, जैकी श्रॉफ, अक्षय कुमार, अजय देवगन, विवेक ओबराय, सलमान खान आदि ने गुजरात में मोदी से मुलाकात कीं। 2011 में जब वायब्रेंट समिट हुई, तब सरकार ने निवेशकों के सामने फिल्म सिटी और एंटरटेनमेन्ट जोन का प्रपोजल रखा। उस समय में मुंबई के निर्माता मिहिर भुट्टा ने साउथ गुजरात में 500 करोड़ की लागत में फिल्म सिटी निर्माण करने का एमओयू साइन किया था। जबकि हॉलिवुड निर्माता लूला कच्छ में फिल्म सिटी और स्टूडियो स्थापित करने की योजना बना रहे थे।
अजय देवगन, संजय दत्त और जैकी के थे ये प्लान
दूसरी ओर, अजय देवगन ने गुजरात के चारणका में सोलार प्रोजेक्ट, अनुपम खेर ने अहमदाबाद में फिल्म इन्स्टीट्यूट, संजय दत्त ने यूनिवर्सल स्टुडियो और जैकी श्राफ ने नल-सरोवर के पास फिल्म सिटी बनाने का प्रस्ताव स्वीकार किया था। तब नरेंद्र मोदी का आइडिया था कि गुजरात में हिन्दी फिल्मों की शूटिंग बरसों से होती रही तो है, तो निर्माताओं के लिए भी यहां काफी संभावनाएं हैं।
शत्रुघ्न सिन्हा ने भी देखे ख्वाब
फिल्मस्टार शत्रुघ्न सिन्हा ने कच्छ को स्टूडियो के लिए चुना था। फिल्म निर्माता इंद्र कुमार और उनके साथी अशोक ठाकरिया ने वड़ोदरा में एक शूटिंग स्टूडियो, होटल, रेस्तरां और मनोरंजन पार्क बनाने का वादा किया था। वडोदरा में सागर समूह ने 35 एकड़ में फिल्म अकादमी और स्टूडियो बनाने की घोषणा की थी। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय सलाहकार मोट्ट मैकडॉनल्ड ने 789 करोड़ रुपये की लागत से नर्मदा नदी-बेसिन के स्थान के साथ गुजरात में अलियाबेट के लिये एक करार किया था।
मोदी चाहते थे कि मुंबई की भीड़भाड़ से बचने गुजरात में हो ये काम
मोदी की इच्छा थी कि मुंबई जैसे भीड़भाड़ वाले मेट्रो शहर से दूर गुजरात के नेचुरल लोकेशन में फिल्में अगर शूट होने लगें तो यहां युवाओं को भी रोजगार मिलने लगेंगे। जैसा कि साउथ में हैदराबाद के रामोजी में ऐसा हो रहा है। हालांकि, मोदी का यह सपना अधूरा ही रह गया है।
गुजरात में भी हैं लोनावाला—खंडाला जैसी जगह
गुजरात के ऐतिहासिक स्थल, महल, तटीय क्षेत्रों, वन क्षेत्रों, और पर्यटन स्थानों सहित की सूची निवेशकों के लिए रखी गई थी और पूछताछ के अलावा, समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए थे। गुजरात में कपराला एक एसा स्थल है कि वह पुणे के लोनावाला औऱ खंडाला जैसा दिखता है, राज्य के पर्यटन विभाग ने उसे डेवलप करने का सोचा था। इसके अलावा पर्यटन विभाग ने विशेष आर्थिक क्षेत्र की तरह विशेष मनोरंजक क्षेत्र बनाने का भी निर्णय लिया था।
आठ साल से बातें ही चलती रहीं?
फिल्मकारों के गुजरात में अपने प्रोजेक्ट्स शुरू करने की ये बातें पिछले आठ वर्षों से हो रही हैं। मगर, गुजरात अब भी कठिन परिस्थिति का सामना कर रहा है, क्योंकि उनको करार के मुताबिक निवेश नहीं मिल रहा है। वहीं, गुजरात सरकार भी चुप है क्योंकि ये सब नरेन्द्र मोदी के समय में हुआ था। राज्य के नेतागण या अफसर ये कर नहीं पा रहे कि फिल्मकारों को गुजरात में ला पाएं।
प्रोजेक्ट्स के लिए पर्यटन विभाग है तैयार
पर्यटन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, फिल्म सिटी और फिल्म स्टूडियो के लिए गुजरात एक अद्भुत स्थान है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा किए गए एमओयू और घोषणाओं के बाद इन हस्तियां ने किसी भी सूचना का पालन नहीं किया गया। 2011 के बाद गुजरात में तीन वायब्रेंट समिट हो चुके है लेकिन ये फिल्मी हस्तियां गुजरात की ओर देख नहीं रही हैं। हम तो आज भी उनके साथ प्रोजेक्ट करने के लिये तैयार हैं।''