PhD और Btech किए लोगों ने गुजरात में चपरासी की नौकरी ज्वॉइन की, बोले- बढ़िया सरकारी जॉब है
गांधीनगर। गुजरात में हाईकोर्ट द्वारा चतुर्थ श्रेणी के रिक्त 1149 पदों के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया। इस परीक्षा के लिए पीएचडी धारकों ने भी आवेदन किया। यानी, उन्हें अपनी डिग्री के स्तर से काफी नीचे के स्तर (चपरासी) की नौकरी की परीक्षा देना उचित लगा है। पीएचडी धारक ही नहीं बल्कि बीटेक डिग्रीधारक इंजीनियर और ग्रेज्युएट युवकों ने भी आवेदन किया। जज के समकक्ष डिग्री धारक युवकों ने भी चपरासी के पद के लिए परीक्षा दी। यह स्थिति देखे जाने पर लगता है कि गुजरात में बेरोजगारी का ग्राफ काफी बढ़ गया है। बड़ी डिग्री वाले लोग भी छोटे स्तर की नौकरी पाना चाहते हैं।
बड़ी
डिग्री
वाले
लोग
भी
चपरासी
की
नौकरी
को
तरसे!
बता
दे
किं,
गुजरात
में
चपरासी
की
नौकरी
पाने
वाले
युवक
को
प्रतिमाह
30
हजार
रुपये
वेतन
दिए
जाने
की
घोषिणा
हुई
थी।
ऐसे
में
लोग
अच्छे
वेतन
के
लिए
पीछे
नहीं
रहना
चाहते।
यहां
हाईकोर्ट
द्वारा
चतुर्थ
श्रेणी
के
रिक्त
1149
पदों
के
लिए
आयोजित
परीक्षा
के
लिए
1,59,278
युवकों
ने
आवेदन
किए।
संवाददाता के अनुसार, परीक्षा में आवेदन करनेवालों में राज्य के ग्रेज्युएट, एलएलएम और डॉक्टरेट परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले युवक भी शामिल थे। 7 पीएचडी धारकों ने चपरासी की नौकरी का हाथों-हाथ लिया है। वहीं, हाईकोर्ट का जज बनने के लिए एलएलएम की डिग्री स्वीकृत की गई है। चपरासी की परीक्षा में एलएलएम की डिग्री धारक युवकों ने उत्तीर्ण होकर नौकरी करना स्वीकारी।
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