केजरीवाल की आंधी का असर, राज्य बजट में जनहित से जुड़ी ये घोषणाएं करेगी गुजरात सरकार!
गांधीनगर. गुजरात विधानसभा में राज्य सरकार आगामी 26 फरवरी को बजट पेश कर सकती है। इस बजट में दिल्ली की केजरीवाल सरकार जैसी योजनाओं का ऐलान हो सकता है। जनहित में जो घोषणाएं आम आदमी पार्टी ने कीं, उनका दिल्ली के विधानसभा चुनाव में खासा असर पड़ा। केजरीवाल की ऐसी ही योजनाओं की बदौलत उनके विपक्षियों का सूपड़ा साफ हो गया। 'आप' ने कुल 70 में 62 सीटें जीत लीं। अब गुजरात के वित्त विभाग के अधिकारियों में चर्चा हैं कि, गुजरात सरकार भी 6.50 करोड़ गुजरातियों के हित में 3 से 4 अहम घोषणाएं करेगी।
संवाददाता के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को कुछ जनकल्याणकारी योजनाएं लाने को कहा है। केंद्र के आदेश के बाद, राज्य सरकार ने दिल्ली पैटर्न पर अपने बजट को लाने की तैयारी की है। स्थानीय निकाय एवं नगर निगम के चुनाव में फतह हासिल करने के लिए भी भाजपा सरकार दिल्ली के विकास मॉडल को ध्यान में रखते हुए बिगुल फूंकेगी। या यूं कहें कि, दिल्ली का विकास मॉडल ही अपनाएगी।
गुजरात में स्थानिक चुनाव आगामी सितंबर-अक्टूबर के महीने में होने वाले हैं। यहां ग्राम पंचायत, तालुका पंचायत, जिला पंचायत, नगरपालिका औऱ नगर निगम के चुनाव होने हैं। ऐसे में नए साल के बजट में राज्य की विकास योजनाओं को दिल्ली के पैटर्न के अनुसार अनुमोदित किए जाने की संभावना है। इस समय, राज्य के वित्त मंत्री नीतिन पटेल कइ नई योजनाएं ला रहे हैं जो बजट में लोगों को खुश करेंगी। इसके अतिरिक्त, आम आदमी को छूने वाले मामलों के लिए भी प्रावधान हो सकता है।
वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, "हमारे बजट का आकार लगभग 2.22 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इस बार हम उस दिशा में काम करने जा रहे हैं जो काफी महत्वपूर्ण होगा। बजट में राज्य के कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई कृषि कल्याण योजनाओं को शामिल किया गया है। इसके अलावा, ग्रामीण और शहरी विकास पर भी जोर दिया गया है।"
दिल्ली में केजरीवाल की शानदार जीत में सस्ती बिजली, पीने का साफ पानी, बेहतरीन सड़कें और मोहल्लों में स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिला। ये चारों चीजें आम आदमी को छूती हैं। गुजरात सरकार भी इसी पैटर्न के अनुसार बजट में नए प्रावधान कर रही है। सरकार के विभिन्न विभागों के प्रमुखों और उच्च अधिकारियों को आम लोगों को खुश रखने के लिये बजट प्रावधानों का आदेश दिया गया है। अगर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी स्थानीय चुनाव हारते हैं, तो गुजरात में नेतृत्व में बदलाव भी संभव है, लेकिन अगर भाजपा का स्थानीय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन रहा, तो 2022 के विधानसभा चुनाव विजय रूपाणी के नेतृत्व में ही लड़े जा सकते हैं।