गुजरात में जल-संकट दूर करने के लिए सरकार का बड़ा ऐलान- अब सबको मिलेगा नर्मदा का पानी
gujarat news in hindi, गांधीनगर। गुजरात में उत्तरी इलाकों के अलावा सौराष्ट्र और कच्छ में जल संकट पनपता देख सरकार ने अब ठोस पहल की है। सरकार ने ऐलान किया है कि सबको नर्मदा जलाशय (Narmada reservoir) का पानी मिलेगा। मौजूदा समय में नर्मदा डैम का जल स्तर 119.50 मीटर है। यह जल कई इलाकों में पानी की कमी दूर करने के लिए पर्याप्त है। वहीं, मध्यप्रदेश के भी एक बांध से 0.35 मिलियन एकड़ फीट पानी गुजरात को मिल सकता है। राज्य में पीने के लिये नर्मदा का पानी 30 जुलाई तक उपलब्ध कराया जा सकता है। इस नदी में पिछले साल 55 प्रतिशत पानी था, इस साल उसकी मौजूदगी 79 प्रतिशत पाई गई।
नर्मदा बांध में पर्याप्त पानी उपलब्ध
गुजरात के दक्षिणी हिस्से में आदिवासी इलाकों में तो तीन या चार दिन में एक बार पानी मिल पा रहा है। पानी की दिक्कत दूर करने के लिए यहां सरकार ने टैंकर शुरू किए हैं। राज्य के उपमुख्यमंत्री नितीन पटेल ने कहा कि, राज्य के 6 करोड़ से अधिक नागरिकों को पेयजल उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। राज्य सरकार ने राज्य के नागरिकों तक पहुंचने के लिए नर्मदा परियोजना में उपलब्ध पानी की मात्रा का गहन आयोजन किया है। आने वाली गर्मियों के दौरान नागरिकों को पीने के पानी की कोई समस्या नहीं होगी। गर्मी के दिनों में राज्य के नागरिकों को पर्याप्त पेयजल प्राप्त करने के लिए नर्मदा बांध में पर्याप्त पानी उपलब्ध है।
पीने के लिए 375 करोड़ लीटर पानी हर साल यहां से आता है
एक अनुमान के मुताबिक, हर साल राज्य में पीने के लिए 375 करोड़ लीटर नर्मदा का पानी उपलब्ध कराया जाता है, जो पिछले साल की तुलना में 50 करोड़ लीटर अधिक है। नर्मदा का पानी 8911 गांवों, 165 शहरों और नर्मदा जल पर आधारित 6 नगरपालिकाओं में दिया जाता है। इन गर्मियों के मौसम में सरकार ने नर्मदा बांध से सभी को पीने का पानी उपलब्ध कराने का फैसला लिया है।
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इन जिलों में यह है पानी का हाल
नितिन पटेल ने यह भी कहा कि सौराष्ट्र और कच्छ जिलों में पिछले साल की तुलना में कम बारिश हुई है। पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, मोरबी, भावनगर, जामनगर, राजकोट और कच्छ जिलों के बांधों में कम पानी की वसूली होती है। इन जिलों में पानी के लिये सरकार ने भूमिगत कुओं को भी रिचार्ज किया है। राज्य सरकार ने पीने के पानी के लिए नर्मदा नहर और वल्लभीपुर शाखा नहर को जारी रखने का निर्णय लिया है। जिसके अनुसार दोनों शाखा नहरों से पीने के लिए पर्याप्त नर्मदा जल उपलब्ध है।
ऐसे दूर कर रहे हैं पानी की कमी
कच्छ जिले की पाइप लाइन का काम इस साल अंजार से भुज तक युद्ध स्तर पर पूरा हो गया है। जिससे अब तक भुज, बन्नी, लखपत और अबडासा क्षेत्रों में 10 मिलियन लीटर पानी दिया जा रहा था, अब यह बढ़कर 13 मिलियन लीटर हो गया है। गढ्डा के पम्पिंग स्टेशन की क्षमता बढ़ाने के लिए नए पंप भी चालू किए गए हैं, जिससे सौराष्ट्र क्षेत्र को हर दिन 5 मिलियन लीटर पानी उपलब्ध होना शुरू हो गया है। अमरेली जिले में चावंड से 5 मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति की गई थी, जिसे बढ़ाकर 6 करोड़ कर दिया गया है। जो बांध में पानी नहीं है वहां नर्मदा कैनल का पानी भरा जायेगा।
1916 नंबर पर कर सकते हैं शिकायत
पीने के पानी की शिकायत की रोकथाम के लिए, जल आपूर्ति कार्यालय में 1916 नंबर का एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे शुरू कर दिया है। राज्य के नागरिकों से राज्य सरकार से आग्रह किया जाता है कि यदि वे इस नंबर से शिकायत दर्ज करते हैं, तो ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी का मुद्दा को तेजी से हल हो सकता है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अन्य बांधों जैसे कि धरोई, शतरुंजी आदि में पानी का संग्रह है। जबकि, सरदार सरोवर बांध एक अंतर-राज्यीय योजना है, इसमें संग्रहित पानी केवल गुजरात राज्य का ही नहीं है, बल्कि राजस्थान और महाराष्ट्र का हिस्सा भी है।
मध्यप्रदेश के बांध से भी मिलेगा पानी
वर्तमान में नर्मदा बांध में जल स्तर 119.50 मीटर है और मौजूदा जीवित भंडारण 0.93 मिलियन एकड़ फीट है। 30 जून तक ये पानी रहने की उम्मीद है। मध्यप्रदेश के बांध से 0.35 मिलियन एकड फीट पानी गुजरात को मिलने वाला है। पीने के लिये नर्मदा का पानी 30 जुलाई तक गुजरात मे मिल सकता है, क्योंकि नर्मदा नदी में पिछले साल 55 प्रतिशत पानी था, लेकिन इस साल 79 प्रतिशत पानी उपलब्ध हुआ था।
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