गांधीनगर न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

गुजरात में प्रदूषण फैलाने वाले 10 औद्योगिक समूहों पर कार्रवाई नहीं हुई, NGT ने सरकार को फटकारा

Google Oneindia News

गांधीनगर। गुजरात में बढ़ते प्रदूषण पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की मुख्य पीठ ने एक सख्त लहजे में सरकार से 10 प्रदूषित औद्योगिक समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की। उन 10 में से 7 औद्योगिक समूहों की वजह से राज्य में वातावरण बहुत तेजी से प्रदूषित हो रहा है। एनजीटी ने तीन महीने के भीतर उन्हें सुरक्षा मापदंडों के भीतर लाने के लिए आदेश दिया गया है।

अहमदाबाद, वडोदरा, अंकलेश्वर, वापी शहर ज्यादा दूषित

अहमदाबाद, वडोदरा, अंकलेश्वर, वापी शहर ज्यादा दूषित

एनजीटी ने गुजरात प्रदूषण बोर्ड को प्रदूषण नियमों का अनुपालन नहीं करने वाले इन प्रदूषित समूहों में इकाइयों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने और बंद करने की अपनी शक्तियों का प्रयोग करने का भी निर्देश दिया है। अहमदाबाद, वडोदरा, अंकलेश्वर, वापी जैसे औद्योगिक इलाकों में सबसे ज्यादा पोल्युशन पाया गया है। इन जगहों पर पानी और हवा का पोल्युशन सबसे ज्यादा मिला है। सीईपीटी में भी गुजरात के इन इलाकों में खराब स्कोर पाया गया है।

CAAQMS और CWQMS का पालन नहीं किया

CAAQMS और CWQMS का पालन नहीं किया

एनजीटी ने दिसंबर 2018 में देश में 100 औद्योगिक समूहों के लिए पर्यावरण प्रदूषण सूचकांक (सीईपीआई) स्कोर का संज्ञान लिया था। इसने सीपीसीबी के 26 अप्रैल, 2016 के निर्देशों को भी याद दिलाया था, जिसमें मांग की गई थी कि गुजरात के डेटा खराब है। सार्वजनिक क्षेत्र में सतत परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन (CAAQMS) और सतत जल गुणवत्ता निगरानी स्टेशन (CWQMS) का पालन नहीं किया है।

'संचालन को रोकना या निलंबित करना होगा'

'संचालन को रोकना या निलंबित करना होगा'

एनजीटी की पीठ ने कहा, "हम दोहराते हैं कि आर्थिक विकास जनता के स्वास्थ्य की कीमत पर और भूमि के कानून के उल्लंघन में नहीं होना चाहिये। जब तक प्रदूषणकारी उद्योग अपनी बनाई हुई समस्या से नहीं निपटते, तब तक उनके संचालन को रोकना या निलंबित करना होगा।"

पीठ ने कहा, "पर्यावरण की बहाली के लिए अभियोजन, प्रदूषणकारी गतिविधि को रोकना और मुआवजे की वसूली करना है। हमने देखा है कि जब वायु और अन्य प्रदूषण के मानदंडों का उल्लंघन किया जा रहा है, तब भी अभियोजन, प्रदूषणकारी गतिविधियों पर रोक और मुआवजे की वसूली नहीं हो रही है, जिसका कोई औचित्य नहीं है। "

पीठ ने आगे कहा, "निरंतर प्रदूषणकारी गतिविधियां भूमि कानून के तहत आपराधिक अपराध हैं। कानून के शासन को पर्यावरण और निर्दोष पीड़ितों की सुरक्षा के लिए ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने की आवश्यकता है।"

गुजरात राज्य प्रदूषण बोर्ड को कार्य करने का निर्देश देते हुए पीठ ने कहा, "वैधानिक नियामक निकायों को विशेष रूप से औद्योगिक इकाइयों, विशेष रूप से लाल और नारंगी श्रेणी के अंतर्गत आने वाले उद्योगो की पहचान करने और प्रदूषणकारी गतिविधि को बंद करने, और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता है।"

यह भी पढ़ें: गुजराती IAS अफसरों को रास आई दिल्ली, ज्यादातर मोदी सरकार में कर रहे हैं ड्यूटी, गुजरात में टोटायह भी पढ़ें: गुजराती IAS अफसरों को रास आई दिल्ली, ज्यादातर मोदी सरकार में कर रहे हैं ड्यूटी, गुजरात में टोटा

Comments
English summary
NGT warn to gujarat government on pollution
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X