नर्मदा में भरा अथाह जल, बाढ़ का खतरा होने पर गुजरात में 5,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
गांधीनगर। गुजरात में भरूच से होकर बहती नर्मदा नदी में इन दिनों जलस्तर बहुत बढ़ गया है। बाढ़ का संकट पैदा होने के चलते यहां 144 गावों से 5 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। दूसरी तरफ सरदार सरोवर डैम में भी जलस्तर का रिकॉर्ड टूट गया है। बारिश के दौरान इसमें 91 फीसदी से भी ज्यादा पानी भर गया। इसका जलस्तर 138.63 मीटर तक पहुंच गया है, जो दर्शाता है कि बांध का जलाशय पूर्णरूप से भर चुका है। इस मौके पर गुजरात सरकार ने जश्न मनाने की तैयारी की है। हालांकि, नर्मदा बांध से पानी छोड़ने के चलते भरूच जिले के कई हिस्सों में बाढ़ का प्रकोप देखने को मिला है।
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लोगों को यहां से स्थानांतरित नहीं किया जाता तो डूब जाते
गुजरात के अलावा मध्य प्रदेश में भी कई जिलों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। मध्य प्रदेश में नर्मदा बांध का जलस्तर 137.2 मीटर पर स्थिर हुआ है और एक-दो दिन में अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने की उम्मीद है। यदि यहां निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित नहीं किया होता तो उनके घर डूब जाते और जीवन का जोखिम बढ जाता। मध्यप्रदेश के दो बांधों से लगातार पानी की आवक के साथ, सरदार सरोवर जलाशय में लगभग 8 लाख क्यूसेक पानी की आवक देखी जा रही है। विशेषकर इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के 12 और 16 गेट खोलने से नर्मदा बांध में पानी का बहाव बढ़ गया है।
इसलिए आई नर्मदा नदी में बाढ़
नर्मदा विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, 'अगर पानी नहीं छोडा जाता तो बांध की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लग जाता। निगम सरदार सरोवर बांध के 23 गेटों के माध्यम से 7.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जो 4.1 मीटर तक खुले हैं। बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने की वजह से नर्मदा नदी 32 फीट तक भर गई। जिससे भरूच जिले के कई हिस्सों में बाढ़ आ गई है। इनमें झगड़िया और अंकलेश्वर तालुका शामिल हैं।
बांध में अब तक का सबसे ज्यादा लाइव वॉटर स्टोरेज
बांध में वर्तमान लाइव स्टोरेज 5,256 मिलियन क्यूबिक मीटर है, जो अब तक का सबसे अधिक है। यह पहली बार है कि सरदार सरोवर 2017 में इसके निर्माण और बाद के उद्घाटन के पूरा होने के बाद इसकी अधिकतम क्षमता तक भरने की संभावना है।
बांध से दोनों राज्यों में हो रहा बिजली का उत्पादन
एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि सरदार सरोवर बांध के रिवरबेड पावरहाउस (RBPH) और कैनाल हेड पावर हाउस (CHPH) ने इस साल 10 अगस्त से बिजली पैदा की है। दोनों सयंत्र बिजली उत्पादन के लिये पूर्ण स्थापित क्षमता पर चल रहे है। इस बिजली का हिस्सा मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र राज्य को मिलता है।