मोदी सरकार बनते ही गुजरात में नहीं रहा विजय रुपाणी का विकल्प, 2022 तक बने रहेंगे मुख्यमंत्री
Gujarat News, गांधीनगर। गुजरात में मुख्यमंत्री विजय रुपाणी का अब कोई विकल्प नहीं रह गया है। यहां जिन दो नेताओं के चर्चे होते थे, वे अब मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल कर लिए गए हैं। ये दोनों नेता हैं पुरुषोत्तम रुपाला और मनसुख मंडाविया। सौराष्ट्र क्षेत्र के ये दोनों नेता केंद्र सरकार के मंत्री बनाए गए हैं। अब राजनीतिक विश्लेषकों की नजर में फिलहाल ऐसा गुजरात में भाजपा के पास कोई और चेहरा नहीं है, जो रुपाणी की टक्कर का हो।
2014 में जितनी सीटें मिली थीं, उतनी ही इस बार भी मिल गईं
मालूम हो कि गुजरात में विजय रुपाणी का शासन शुरू होने के बाद से यह कहा जाता रहा है रुपाणी थोडे दिनों के मुख्यमंत्री हैं। पार्टी आलाकमान उनकी जगह किसी ओर नेता को मुख्यमंत्री का पदभार सौंप सकती है। लोकसभा चुनाव से पहले अटकलें लगाई जा रही थी कि, गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन होगा और परसोत्तम रूपाला या मनसुख मांडविया नये मुख्यमंत्री बनेंगे। मगर, यह धारणा गलत साबित हुई और लोकसभा का चुनाव विजय रुपाणी के नेतृत्व में ही लडा गया। भाजपो को 2014 में जितनी सीटें मिली थीं, उतनी ही इस बार भी मिल गईं।
रुपाणी का विकल्प थे ये नेता
2017 के विधानसभा चुनावों में भी कहा गया था कि अमित शाह, परसोत्तम रुपाला या मनसुख मंडाविया रुपाणी को हटाकर मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन पार्टी ने रुपाणी को जारी रखा। रुपाणी के शासन में 11 बार गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन होने की अटकलें लगाई गई। अब मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के पद के सामने कोई राजनीतिक चुनौती नहीं है।
रूपाणी अब गुजरात में 2022 के विधानसभा चुनाव तक शासन करेंगे
मोदी सरकार ने अपनी कैबिनेट में गुजरात के दो पाटीदार नेताओं को शामिल किया है। सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि राज्य के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल मुख्यमंत्री से नाराज हैं, लेकिन उन्होंने सचिवालय के प्रशासन की पूरी जिम्मेदारी दी है, इसलिए नितिन पटेल मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हो सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि विजय रूपाणी अब गुजरात में 2022 के विधानसभा चुनाव तक शासन करेंगे।
अब 110 तक पहुंच सकती है भाजपा के विधायकों की संख्या
गुजरात विधानसभा में भाजपा को 99 सीटें मिलीं, लेकिन अब कांग्रेस के विधायकों को भाजपा में शामिल कर के पार्टी ने उपचुनावों में जीत दिलाई है। चार ज्यादा विधायक मिलने की वजह से विधानसभा में भाजपा की ताकत 104 हो गई है, जो 93 के जादुई आंकड़े से अधिक है। भाजपा सरकार के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल का दावा है कि कांग्रेस के अन्य पांच या सात विधायक भाजपा में शामिल होना चाहते हैं। अगर ऐसा हुआ तो गुजरात में भाजपा के विधायकों की संख्या 108 से 110 तक पहुंच सकती है।