बेटों का अत्याचार नहीं सहेगी अब 80 साल की मां, गुजरात में DySP ने उठाया देखभाल का जिम्मा
महेसाणा। गुजरात में महेसाणा की एक महिला पुलिस उपाधीक्षक की नेकदिली की खूब तारीफ हो रही है। यहां डीवायएसपी मंजिता वणजारा ने विजापुर के देवड़ा गांव की रहने वाली 80 वर्षीय सीता बेन रणछोड़ भाई बारोट का ख्याल रखने की जिम्मेदारी ली है। मंजिता एक बेटी के रूप में वृद्धाश्रम में उनकी देखभाल करेंगी। सीता बेन अपने पति की मौत के बाद उसी के दो बेटों द्वारा प्रताड़ित की जा रही थी। बेटे उसकी जमीन-जायदाद पर हथियाने में लगे थे। तंग आकर सीता बेन ने पुलिस थाने में शिकायत की थी। मगर, सिपाहियों ने उसे मंजिता से मिलने नहीं दिया। जिसके बाद वृद्धा की खबर मीडिया में आई, तो मंजिता ने वृद्धाश्रम पहुंचाया।
डीवायएसपी मंजिता ने वृद्धाश्रम में सीताबेन के एक साल का खर्चा भरा
डीवायएसपी मंजिता ने सीता बेन के लिए एक साल का खर्च भी भरा। जब सीता बेन मंजिता से मिली तो अपना दु:खड़ा बताते हुए रो पड़ी। फिर, सीताबेन को मंजिता अपनी गाड़ी से ही वृद्धाश्रम लेकर गईं। अब वृद्धा वहीं से अपने बेटों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेगी।
मां का ख्याल रखना तो दूर, उसकी 6 बीघा जमीन हड़पना चाहते हैं
बता दें कि, 2004 में सीताबेन के पति की मौत हो गई थी। उनकी मौत के 2 साल बाद उनके दो बेटों ने उसे रखने से इंकार कर दिया। तब से वह अकेली रह रही थी। बेटों की सीता बेन की 6 बीघा जमीन पर नजर थी। वे उसे प्रताड़ित करने लगे। कई बार सीताबेन को उन्होंने पीटा।
'बेटों की मार से काफी डर गई थी सीताबेन'
सीताबेन को लेकर मंजिता ने कहा, 'यह वृद्ध माता अपने बेटों की मार से काफी डर गई थी। मुझे लगा कि वह बहुत परेशान है। मैंने उनके वृद्धाश्रम में रहने की इच्छा पूर्ण की। वहां उन्हें किसी भी प्रकार की तकलीफ हो, इसलिए मैं खुद भी उनकी देखभाल की कोशिश करूंगी।'
आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज भी रख लिए
वहीं, सीताबेन ने बताया कि दोनों बेटों ने मेरे आधार कार्ड से लेकर सभी कागजात अपने पास रख लिए हैं।'' अब पुलिस उनके बेटों पर कार्रवाई करेगी।