'महा' चक्रवात का रूख बदला, गुजरात के तटीय हिस्से प्रभावित हुए, अब 11 से 15 नवम्बर को लगेगा मेला
गांधीनगर। "महा" चक्रवात गुजरात पहुंचने के पहले ही कमजोर पड़ गया। चक्रवात का रुख दूसरी ओर हो गया, इस दौरान उसका आखिरी सिरा सोरठ के समुद्री तट से होकर गुजरा। सोरठ के प्रभावित होने पर अब यहां आयोजित कार्तिक पूर्णिमा का मेला 11 से 15 नवम्बर तक लग पाएगा। समितियों ने इसे इन्हीं तारीखों के बीच आयोजित करने का निर्णय लिया है। मौसम विभाग की ओर से शुक्रवार को बताया गया कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में और महा चक्रवात के अवशेष के रूप में कम दबाव क्षेत्र के साथ वर्षा की संभावना है। वर्षा हुई भी। हालांकि, चक्रवात जैसे-जैसे गुजरात की ओर बढ़ा, उसकी गति कम होती चली गई। उसका रूख भी बदलने लगा। वह अरब सागर के ऊपर कम दबाव वाले क्षेत्र के रूप में स्थित था। इसके बाद अरब सागर से आर्द्र हवाएं गुजरात एवं मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में नमी लाने लगीं।
14
नवंबर
तक
मौसम
के
शुष्क
रहने
के
आसार
मौसम
विभाग
के
अनुसार,
चक्रवात
के
गुजरने
के
उपरांत
9
से
14
नवंबर
तक
मौसम
के
शुष्क
रहने
की
संभावना
है।
मौसम
में
नमी
आने
और
हल्की
बारिश
के
कारण
तापमान
में
भी
बदलाव
देखने
को
मिल
रहा
है।
बीते
पांच
दिनों
के
तापमान
पर
नजर
डालें
तो
दिन
के
तापमान
में
तीन
डिग्री
की
गिरावट
आई
है
और
रात
का
पारा
0.6
डिग्री
बढ़ा
है।
अब
मेला
भी
15
नवम्बर
तक
आयोजित
होगा
वहीं,
चक्रवात
आने
के
बाद
गिर-सोमनाथ
जिला
प्रशासन
और
सोमनाथ
ट्रस्ट
की
बैठक
में
तय
किया
गया
कि
कार्तिक
पूर्णिमा
का
मेला
पीछे
हटाना
होगा।
जिसे
11
से
15
नवम्बर
तक
आयोजित
किए
जाने
पर
सहमति
बनी।
पहले
यह
मेला
8
नवम्बर
से
होना
तय
था,
मगर
चक्रवात
के
कारण
टालना
पड़ा।