गुजरात में इस बार चुनाव लड़ रहीं हैं 27 महिलाएं, भाजपा ने 6 तो कांग्रेस ने 1 को ही दिया टिकट
Gujarat News, गांधीनगर। लोकसभा चुनाव (Indian general election 2019) में इस बार गुजरात से 27 महिला उम्मीदवार खड़ी हुई हैं। इन 27 में से 20 महिलाएं ऐसी हैं, जो न तो कांग्रेस से हैं और न ही भाजपा से। ये निर्दलीय ही चुनाव लड़ रही हैं। कांग्रेस भाजपा की बात करें तो इन दोनों बड़े दलों ने चुनाव में कुल 7 महिलाओं को उतारा है, जिनमें से 6 भाजपा से हैं, जबकि महज एक कांग्रेस से। पिछला रिकॉर्ड देखा जाए तो राज्य में भाजपा ने कांग्रेस से ज्यादा महिलाओं को संसद भेजा है। 2014 में चुने गए गुजरात के कुल 26 सांसदों में से 4 महिलाएं थीं, जो सभी भाजपा से जीतीं। इस बार भी आम चुनाव के इतिहास में भाजपा ने अपनी ओर से सबसे ज्यादा 6 महिलाओं को कैंडिडेट बनाया है। मगर, कांग्रेस एक ही महिला को लोकसभा का कैंडिडेट बना पाई है।
महिलाओं को अहमियत देने में दोनों बड़े दलों ने काटी कन्नी
जब से गुजरात की स्थापना हुई है, तब से (यहां पहले) लोकसभा चुनाव (1962) में 6 महिलाएँ चुनावी दौड़ में शामिल हुई थीं। उनमें से 2 उम्मीदवार कांग्रेस से विजेता हुईं। जिनमें एक जया शाह थीं जिन्होंने अमरेली सीट जीती और दूसरी जोहरा चावड़ा थीं, जो कि बनासकांठा में जीती थीं। उसके बाद कांग्रेस से बहुत कम महिलाएं ही सांसद बन पाईं। इस सबसे पुराने दल ने इस बार तो केवल एक महिला को बतौर लोकसभा उम्मीदवार टिकट दिया है।
अब तक गुजरात से महज 23 महिलाएं ही संसद जा पाईं
1962 से अब तक राज्य से महज 23 महिलाएं ही संसद जा पाई हैं। राज्य में महिला अधिकारों के लिहाज से देखा जाए तो यह एक निराशाजनक रिकॉर्ड है। जबकि, कांग्रेस-भाजपा दोनों पार्टियां संसद में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के वादे करती रही हैं। बता दें कि, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 2009 के लोकसभा चुनाव में 26 महिलाएं मैदान में उतरी थीं। यह संख्या 2014 तक सबसे ज्यादा रही। मगर, इस बार 2019 के लोकसभा चुनाव में 27 महिलाएं चुनाव लड़ रही हैं तो 2009 का रिकॉर्ड टूट गया है।
यह कहना है निर्दलीय महिला उम्मीदवारों का
बनासकांठा
सीट
के
लिए
निर्दलीय
उम्मीदवार
श्यामा
पुरोहित
ने
कहा
कि
उन्हें
शारीरिक
रूप
से
चुनौती
दी
गई
है,
जबकि
उनके
पति
नेत्रहीन
हैं।
चुनाव
लड़ना
मेरा
जुनून
है।
मैंने
विधानसभा
चुनाव
भी
लड़ा
था।
सियासी
दलों
के
बारे
में
यही
कहूंगी
कि
किसी
भी
पार्टी
ने
महिलाओं
को
उचित
मौका
नहीं
दिया।
मौका
दिया
जाए
तो
वे
पार्टी
के
बैनर
तले
बेहतर
प्रदर्शन
कर
सकती
हैं।
इधर,
संयुक्ता
विकास
पार्टी
की
अमीषा
जोगिया
ने
कहा
कि
वह
भ्रष्टाचार,
किसान
संकट
और
आत्महत्या
की
समस्याओं
को
उजागर
करने
के
लिए
सूरत
सीट
के
लिए
चुनावी
मैदान
में
है।
उन्होंने
कहा
कि
महिलाओं
के
लिए
33%
आरक्षण
लागू
करने
का
समय
आ
गया
है।"
गुजरात: लोकसभा चुनाव 2019 से जुड़ी सभी जानकारी यहां पढ़ें
महज एक महिला को चुनाव लड़ा रही कांग्रेस ने दी यह सफाई
वहीं, महज एक महिला को लोकसभा का उम्मीदवार घोषित किए जाने के सवाल का जवाब देते हुए गुजरात कांग्रेस महिला अध्यक्ष गायत्री वाघेला ने कहा, "गुजरात कांग्रेस ने महिलाओं के लिए अधिक सीटों की मांग की थी, लेकिन पार्टी को जीत और सीट समीकरणों को ध्यान में रखना था। इसलिए एक ही महिला को टिकट दिया गया।"