अमित शाह जहां से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव ये है वो सीट, सबसे पहले जीती कांग्रेस, फिर गढ़ भाजपा का हुआ
Gujarat News in hindi, गांधीनगर। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कहां से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, इस पर सवाल से बादल छंटते दिख रहे हैं। प्रदेश भाजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, शाह गुजरात में गांधीनगर से चुनाव लड़ सकते हैं। यह वह सीट है, जहां से भाजपा के वरिष्ट नेता लालकृष्ण आडवाणी चुनाव लड़ते रहे हैं। आडवाणी इस निर्वाचन क्षेत्र से 7 बार चुनाव जीत चुके हैं।
गांधीनगर से चुनाव लड़ सकते हैं भाजपाध्यक्ष, यह रहा इतिहास
मौजूदा समय में सबसे बड़े सियासी दल के अंदरूनी सूत्रों ने वनइंडिया को बताया कि इस बार आडवाणी चुनाव लड़ने के मूड़ में नहीं हैं। यदि वे गांधीनगर की सीट खाली करते हैं तो यह शाह के लिए परफेक्ट रहेगी। गुजरात की राजधानी होने के साथ ही यह निर्वाचन क्षेत्र भाजपा का गढ़ रहा है। बताते चलें कि यह सीट पहली बार 1967 में लोकसभा के लिए चुनी गई थी, तब कांग्रेस प्रत्याशी सोमचंद सोलंकी चुनाव जीते थे। सोलंकी 1971 में भी इसी सीट से लोकसभा पहुंचे।
पहली जीत कांग्रेस की हुई, फिर भाजपा ने छीन लिया गांधीनगर
सोलंकी के बाद 1977 में भारतीय लोक दल के पुरूषोत्तम मावलंकर विजेता रहे। इसके बाद 1980 में कांग्रेस उम्मीदवार अमृता पटेल चुनी गईं। 1984 में कांग्रेस के जीआई पटेल इस सीट से चुनाव जीते थे, लेकिन इसके बाद गांधीनगर सीट कांग्रेस के खेमे में से निकल गई। 1989 के लोकसभा चुनाव में यहां से भाजपा के उम्मीदवार शंकरसिंह वाघेला जीते।
सोनिया बोलीं- पीड़ित मोदी नहीं, जनता है; राहुल चिल्लाए- भाजपा को हराना सबसे बड़ी कुर्बानी
आडवाणी ने अटल बिहारी वाजपेयी के लिए यही सीट छोड़ी
1991 में वाघेला ने पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण अडवाणी के लिए गांधीनगर की सीट खाली कर दी थी। तब 1991 का लोकसभा चुनाव में अडवाणी ही जीते। आडवाणी ने 1996 में पार्टी के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी के लिए गांधीनगर सीट खाली कर दी। उस वक्त वाजपेयी लखनऊ और गांधीनगर दोनों क्षेत्रों से खड़े हुए थे और दोनों जगहों पर जीते थे।
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए गुजरात में किस तारीख को होगी वोटिंग, विधानसभा के लिए भी पड़ेंगे वोट?
वाजपेई जी ने इस्तीफा दिया और दूसरी (लखनऊ) सीट पर बने रहे
वाजपेयी ने चुनाव जीतने के बाद लखनऊ सीट बरकरार रखी और गांधीनगर सीट से इस्तीफा दे दिया। यह सीट खाली होने के बाद भाजपा के विजय पटेल ने फिल्म स्टार औक कांग्रेस के उम्मीदवार राजेश खन्ना को हराया था। उसके बाद 1998 में आडवाणी फिर गांधीनगर सीट से चुने गए। पिछले पांच कार्यकाल के साथ अब वही गांधीनगर के सांसद हैं। हालांकि, नरेंद्र मोदी की इच्छा नहीं थी, लेकिन भाजपा ने 2014 में आखिरी समय में आडवाणी को टिकट दिया और वह जीत गए।
जीते तो केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होंगे शाह
अब माना जा रहा है कि अडवाणी 2019 के आम चुनाव में गांधीनगर से नहीं लड़ेंगे। उनके स्थान पर पार्टी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को लाना चाहती है। वर्तमान में अमित शाह राज्यसभा सदस्य हैं, लेकिन भाजपा ने उन्हें लोकसभा में भाग लेकर केंद्रीय मंत्रि मंडल में शामिल करने की योजना बनाई है।
चुनाव में कोई काला धन न लगा पाए इसलिए गुजरात में आयकर विभाग ने बनाईं 400 लोगों की टीमें
कांग्रेस के पास नहीं मजबूत प्रत्याशी?
अमित शाह के इस्तीफे के बाद भाजपा द्वारा राज्यसभा की सीट अन्य नेता को दी जा सकती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि गांधीनगर लोकसभा सीट अमित शाह के लिए सुरक्षित है, एक तो गुजरात कांग्रेस के पास गांधीनगर लोकसभा सीट के लिए कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं है। दूसरे, यह भाजपा का गढ़ बन गई है।
पढ़ें: लोकसभा चुनाव से पहले चला चुनाव आयोग का डंडा, गुजरात में 60 हजार से ज्यादा होर्डिंग्स हटाए गए