कांग्रेस से BJP में शामिल होते ही 4 घंटे में मंत्री बने बावलिया, भूमि घोटाले में हो सकती है 7 साल जेल
Gujarat News, गांधीनगर। कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए कुंवरजी बावलिया महज 4 घंटों में गुजरात के कैबिनेट मंत्री बना दिए गए थे। मगर, उनके खिलाफ अदालत में एक ऐसा केस चल रहा है, जिसमें दोषी पाए गए तो न केवल उनका मंत्री पद छिन जाएगा, बल्कि कई साल के लिए जेल भी जाना पड़ जाएगा। बावलिया एक भूमि घोटाले में आरोपी हैं।
बावलिया पर आफत मंडरा रही, जाना पड़ सकता है जेल
ऐसे में जबकि, लोकसभा चुनाव के दौरान बावलिया पार्टी का प्रचार करने निकले हैं तो कांग्रेस उनके खिलाफ मोर्चा खोल सकती है। वहीं, बावलिया से नाराज चल रहे कुछ भाजपाई भी उनकी मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। ऐसे में बावलिया पर आफत मंडरा रही है, भूमि घोटाले में दोषी साबित होने पर उन्हें 7 साल की जेल की सजा भी हो सकती है।
यह है 2004 के भूमि घोटाले का केस
बावलिया काग्रेस के दिग्गज कोली नेताओं में से एक थे, वह जसदन की सीट से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए। वह हाल ही हुए उप चुनाव में भी जीत गए। हालांकि, वर्ष 2004 का भूमि घोटाले का केस उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है। तब जो शिकायत दर्ज हुई थीं, उनके अनुसार, जसदन तालुका के अमरापुर गाँव की तत्कालीन सरपंच सविताबेन वासानी की आड़ लेकर नकली सिक्के बनाए गए थे। वह दिन था 2004 की 21 फरवरी। उस दौरान पब्लिक एजुकेशन ट्रस्ट में 154 एकड़ जमीन में से अमरापुर गाँव के सर्वे नंबर-418 की 20 एकड़ की ज़मीन को लेकर 3 जुलाई, 2005 को वासानी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उधर, राजकोट कलेक्टर मोना खंधार को जब यह पता चला कि किसी ने फर्जी सिक्के लेकर जमीन पर कब्जा कर लिया है तो जांच में पाया गया कि उस समय के कांग्रेसी विधायक कुंवरजी बावलिया उस गौचर की भूमि की खुदाई कर रहे थे।
60 से अधिक गवाहों का बयान दर्ज हुए
इस केस में कुछ भाजपाईयों का कहना था कि प्रारंभिक चरण में गोंडल के डीवाईएसपी को जांच सौंपने के बाद कोई विशेष प्रगति नहीं हुई। इसलिए भाजपा सरकार ने सीआईडी को अपराध की जांच सौंपी। 60 से अधिक गवाहों का बयान लिया गया था। इसके बाद, कुंवरजी को 2008 में जेल जाना पड़ा। हालांकि, सेसन्स अदालत ने उन्हें जमानत दे दी। अब कहा जा रहा है कि फर्जी सिक्कों और दस्तावेजों से गौचर की जमीन हथियाने के मामले में कुंवरजी को 7 साल की सजा हो सकती है। क्योंकि, 10 साल बाद अब यह मामला बोर्ड के पास आ गया है और कुंवरजी के खिलाफ साक्ष्य भी मौजूद हैं।
शिकायतकर्ता पति-पत्नी बोले- केस रफा-दफा करने बावलिया भाजपा में आए
भूमि घोटाले की मुख्य शिकायतकर्ता सविताबेन और उनके पति नाथालाल हैं, जो बरसों से भाजपा में है। कुंवरजी मंत्री बन जाने पर इस दंपति ने खुले तौर पर तर्क दिया कि इस मामले के सबूत और गवाहों से समझौता किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कुंवरजी उन्हीं कारणों से भाजपा में आए हैं, ताकि मामले को रफा-दफा किया जा सके।
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