महिलाओं को टिकट देने से पार्टियों ने किया गुजरात में किनारा, अब तक महज 22 ही पहुंचीं लोकसभा
Gujarat News in hindi, गांधीनगर। गुजरात में लोकसभा चुनाव में महिला उम्मीदवारों को ज्यादा महत्व नहीं दिया जा रहा। देश के अन्य राज्यों की तुलना में राज्य में महिला उम्मीदवारों की संख्या बहुत कम है। राजनीतिक दल 50 फीसदी महिला आरक्षण की बात करते हैं, लेकिन जब विधानसभा और लोकसभा चुनाव आते हैं, तो वे महिलाओं को टिकट नहीं दे पाते हैं।
राज्य में अब तक केवल 22 महिला सांसद हुईं
गुजरात में 1962 से लोकसभा चुनाव होते आ रहे हैं, लेकिन राज्य में अब तक केवल 22 महिला सांसद विजयी हुई हैं। यह गुजरात की महिलाओं के लिए निराशाजनक स्थिति है। गुजरात के मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष अपने भाषण में 50% महिलाओं के आरक्षण के पक्ष में होते हैं, लेकिन जब चुनाव आते हैं, तो 33% महिलाएं भी प्रतिनिधित्व नहीं करतीं।
सरदार पटेल ने सबसे पहले महिला प्रतिनिधित्व के लिये प्रस्ताव पारित किया
सरदार वल्लभभाई पटेल ने सबसे पहले अहमदाबाद नगर पालिका के चुनाव में महिला प्रतिनिधित्व के लिये प्रस्ताव पारित किया था और इसका समर्थन किया था। पटेल ने महिलाओं को 33% रिजर्व तक कभी सीमित नहीं रखा। वे महिलाओं को बढ़ावा देना चाहते थे। उनका मानना था कि टिकट उन महिलाओं को दिया जाना चाहिए जो चुनाव जीत सकती हैं, चाहे कितनी ही क्यों न हों।
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ममता बनर्जी ने 41% टिकट महिलाओं को देने की घोषणा की
उधर, हाल ही उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लोकसभा की कुल 21 सीटों में से 33% महिलाओं को टिकट देने का फैसला किया है, जबकि तृणमूल कांग्रेस पार्टी की चीफ ममता बनर्जी ने लोकसभा टिकट के लिए 41% महिलाओं को टिकट देने की घोषणा की है।
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अब तक 131 महिलाओं को ही गुजरात में लोकसभा का टिकट दिया
किंतु अभी देश में गुजरात की स्थिति दुखद है। 1962 से 2014 के लोकसभा चुनावों में कुल 131 महिलाओं को लोकसभा का टिकट दिया गया था। जिस में 2009 में सबसे अधिक 18 महिलाओं को टिकट मिला, जिनमें से कच्छ सीट में तीन और गांधीनगर सीट पर चार महिलाएँ थीं।
2014 में गुजरात से केवल चार महिला सांसद बनीं
2014 के लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल के सबसे अधिक 14 महिलायें सांसद बनीं। उसके बाद उत्तर प्रदेश के 13 महिलायें सांसद है। जबकि, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात से केवल चार-चार महिला सांसद बनी है।
543 में से केवल 61 महिला सासंद चुनी गईं
पिछले लोकसभा चुनावों में देश भर से 543 सांसदों की संख्या में से केवल 61 महिला उम्मीदवार सासंद के लिये चुनी गईं, जो पार्लियामेंट में 11.23 प्रतिशत है।