कच्छ बॉर्डर: 250 गांवों के सरपंच बोले- वतन की हिफाजत करने वालों के साथ हम भी पूरे चौकस हैं
Gujarat News, गांधीनगर। गुजरात की पाकिस्तान से लगती सीमा पर इन दिनों दोनों देशों द्वारा खासी चौकसी बरती जा रही है। गुजरात के कच्छ के सीमावर्ती इलाके में बहुत से ऐसे गांव हैं, जहां भारतीय सुरक्षाबल लोगों को सतर्क रहने की सलाह देते हुए वतन की हिफाजत कर रहे हैं। सुरक्षाबलों की तत्परता देख सीमा के नजदीकी करीब 250 गावों के सरपंच कह रहे हैं कि गांववाले भी भारतीय सेना के जवानों के साथ कदम मिलाकर खड़े हैं। जवानों को जो भी जरूरत होगी, वह हरसंभव मदद करेंगे। बता दें कि, पाकिस्तान में एयरस्ट्राइक के बाद से कई पाकिस्तानी ड्रोन गुजरात और राजस्थान में मार गिराए गए हैं। पाकिस्तानी घुसपैठ रोकने और संभावित खतरों से निपटने लिए सेना, इंटेलीजेंस और स्थानीय पुलिस ने खासा चौकसी रखी हुई है।
'गांववाले पीछे नहीं हट सकते, दुश्मन की हर गतिविधि की देंगे खबर'
सीमा पर तनाव को भांपते हुए हाल ही कच्छ जिले के खावडा के वेला तक के गांवों के सरपंचों ने सभा की। जिसमें करीब 250 गांवों के प्रमुख जुटे। साथ ही सैन्य अधिकारी भी पहुंचे। तब सरपंचों ने कहा, गांव वाले पीछे नहीं हट सकते। क्योंकि सालों से रहते आ रहे हैं। ऐसे में यदि कच्छ पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा कोई और शर्त हों तो वे मानने को तैयार हैं। गौरतलब है कि सुरक्षाबलों द्वारा सीमा किनारे रह रहे लोगों से जगह खाली करने की बात कही। ऐसा इसलिए क्योंकि, पाकिस्तानी गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं।
सबसे बडा नागरिक संपर्क अभियान चलाया
एक ओर पाकिस्तान बॉर्डर पर लगातार हरकतें कर रहा है, दूसरी ओर गुजरात में भारतीय सुरक्षाबल और पुलिस के अधिकारियों ने सबसे बडा नागरिक संपर्क अभियान चलाया है। कच्छ के सीमावर्ती गांवो के सरपंचों के साथ बैठकें हो रही हैं। इन बैठकों में कोस्टगार्ड्स भी शामिल हो रहे हैं, जोकि मछुआरों को समझाने का काम भी कर रहे हैं।
बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान, सीमावर्ती लोग बोले- 'गांव खाली नहीं करेंगे, हम सब सेना के साथ'
नगरपारकर, खापरकर औऱ उमरकोट में पाक की करतूतें
सरपंचों से सेना द्वारा कहा गया है कि कहीं भी कोई अज्ञात और संदिग्ध लोग दिखें तो सेना को फौरन सूचना दें। साथ ही कोई उपकरण नजर आए, उसके बारे में भी सीधे बताएं। खासकर, नगरपारकर, खापरकर औऱ उमरकोट में पाकिस्तानी सेना की आवाजाही पर नजर भी रखने को कहा गया है।
गुजरात में भी आ घुसे बांग्लादेशी
वहीं, एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल के रास्ते काफी संख्या में बांग्लादेशी कच्छ के गांवों में भी आकर बसे है। यह संख्या 10 हजार से भी ज्यादा है। सेना के जवान उन अवैध लोंगो पर भी नजर रख रहे हैं। कच्छ पश्चिम के एसपी सौरभ तोलम्बिया बताते है कि, वे स्वयं 1980 के दशक के सबसे कुख्यात तस्करों के वंशजो पर नजर रख रहे हैं। हालांकि, कच्छ जिले की भूमि और समुद्री सीमा से तस्करी पूरी तरह से रुक गई है, लेकिन सीमा पार से हथियारों की तस्करी और आतंकवादियों की घुसपैठ की संभावना बनी रहती है। कच्छ के निकट अतीत में तस्करी के हथियार नहीं पाए गए हैं।
हर महीने बैठक करते हैं सरपंच
बताया जा रहा है कि सीमा के जवानों से संपर्क में रहने के साथ ही गुजरात के कई स्थानों पर सरपंच जुटते हैं। हर महिने में एक बार बैठक जरूर होती है। बहरहाल, तनाव को देखते हुए और अधिक सतर्कता बरती जा रही है।