गुजरात में मानसून सीजन खत्म ही नहीं हो रहा, यहां 1000mm वर्षा हुई, 25 सितंबर तक बरसेंगे बादल
गांधीनगर। गुजरात में इस साल 97% से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। देशभर में मानसूनी वर्षा का सीजन थम चुका है, मगर इस राज्य में अभी भी बारिश हो रही है। मौसम विभाग (IMD) ने इस सप्ताह भी यहां भारी वर्षा की चेतावनी दी है। मौसम विभाग के क्षेत्रिय निदेशक जयंत सरकार ने बताया कि अरब सागर के पूर्व-मध्य और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में ऐसा दवाब बना है कि राज्य में 20 से 25 सितंबर तक अच्छी बारिश हो सकती है। सामान्य तौर पर गुजरात में 15 सितंबर के बाद मानसून समाप्ति की घोषणा हो जाती है। किंतु इस बार मानसून कुछ दिन और बने रहेंगे। आंकड़ों के अनुसार, गुजरात में इस बार 1000 मिमी बारिश हुई है।
कई जिलों में वर्षा का प्रतिशत 110 फीसदी से भी ज्यादा रहा
आईएमडी से प्राप्त डेटा में बताया गया है कि अगस्त में राज्य में 121.89 प्रतिशत औसत बारिश दर्ज की गई। राज्य के कुल 33 में से 22 जिलों में 100% से भी ज्यादा बारिश दर्ज की गई। कुछ जिलों में तो वर्षा का प्रतिशत 110 फीसदी से भी ज्यादा रहा। जबकि, सभी 251 तालुकों में 250 मिमी से अधिक वर्षा हुई। इनमें सबसे ज्यादा 149 तालुका में 501-1000 मिमी बारिश दर्ज की गई। इतना ही नहीं, भयंकर बारिश के चलते राज्य के 72 जलाशय पानी से लबालब हो चुके हैं। वहीं, सरदार सरोवर नर्मदा बांध में 91 फीसदी से ज्यादा जल संग्रह हो चुका है।
अभी 25 सितंबर तक और बारिश हो सकती है
बहरहाल, 20 सितंबर के आस-पास उत्तर कोंकण और दक्षिण गुजरात तट पर कम दबाव बनने का अनुमान है। जब यह पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ेगा तो 48 घंटों के दौरान बारिश हो सकती है। वर्तमान स्थिति देखी जाए तो मानसून की वापसी होती नहीं दिख रही। यह कुछ दिन और रह सकते हैं।
भरूच में सर्वाधिक 146.16 फीसदी बारिश हुई
राज्य सरकार के आंकड़ों में बताया गया है कि गुजरात में भरूच जिले में सर्वाधिक 146.16 फीसदी बारिश हुई है। फिर छोटा उदेपुर जिले में 142.71 फीसदी, कच्छ में 140.99 फीसदी, जामनगर में 137.47 फीसदी, बोटाद में 135.33 फीसदी, मोरबी में 132.15 फीसदी, वलसाड में 120.20 फीसदी, सूरत में 119.92 फीसदी, सुरेन्द्रनगर में 117.82 फीसदी, पंचमहाल में 115.78 फीसदी बारिश दर्ज की गई है।
देवभूमि द्वारका में 102.17 फीसदी वर्षा हुई
जबकि, राजकोट में 110.23 फीसदी, नवसारी में 110.18 फीसदी, भावनगर में 107.61 फीसदी, जूनागढ़ में 106.79 फीसदी, आणंद में 106.49 फीसदी, तापी में 106.45 फीसदी, वडोदरा में 103.34 फीसदी, और देवभूमि द्वारका में 102.17 फीसदी तथा खेड़ा में 101.35 फीसदी बारिश हो चुकी है। जिसके चलते राज्य में न सिर्फ पीने के पानी बल्कि सिंचाई की समस्या का भी अंत आने के कारण फसल अच्छी होने की उम्मीद जताई जा रही है।
अब तक कुल 95% भूमि पर बुवाई हो चुकी
सरकारी रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि गुजरात में अच्छी वर्षा के परिणामस्वरूप खरीफ फसल के मौसम में अब तक कुल 95% भूमि पर बुवाई हो चुकी है। अगस्त के अंत तक, राज्यभर में 80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें बो दी गईं। इस बार उन क्षेत्रों में भी रोपण किया गया है जहाँ पिछले साल बारिश नहीं हो पाई थी। इस बार वहां कम ही सही, लेकिन वर्षा जरूर हुई। राज्य का सामान्य खरीफ क्षेत्र 84.76 लाख हेक्टेयर है, जिसमें अभी 4 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रोपण किया जाना बाकी है।
जल संरक्षण परियोजनाओं में देश में नं-1 रहा गुजरात
पिछले दिनों गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने जानकारी देते हुए बताया था कि 'सुजलाम सुफलाम' जल अभियान क्रांति को दो साल पूरे हो गए हैं। नीति आयोग द्वारा घोषित समग्र जल प्रबंधन सूचकांक में, गुजरात को इस अभियान के परिणामस्वरूप लगातार तीसरे वर्ष पहली रैंक मिली है। यानी, यह राज्य जल संरक्षण परियोजनाओं में देश में नंबर-1 रहा।
यहां 9700 झीलें बारिश से ही भर गईं
आंकड़ों के अनुसार, राज्य के विभिन्न जिलों में दो वर्षों में भंडारण क्षमता में 23,553 लाख घन फीट की वृद्धि हुई है। इतना ही नहीं, यहां की 97,00 झीलें बारिश के पानी से ही भर गईं। जबकि, 5775 चेकडैम भी बहाल हुए हैं।
राज्य के 72 जलाशय पानी से लबालब
रिपोर्ट में बताया गया कि गुजरात के कुल 204 जलाशयों में से 72 जलाशय इन दिनों लबालब हैं। जबकि, अन्य 62 में जल संग्रहण 70 से 100 प्रतिशत के बीच है। यानी, कुल मिलाकर ज्यादातर जलाशय, नदी और नालों में पानी भरा हुआ है।
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