मैं सुबह 3 अखबार पढ़ता हूं तो बलात्कार की खबरें दिखती हैं, पुलिस ठीक से काम नहीं कर रही: ADGP
गांधीनगर। हैदराबाद में डॉक्टर से सामूहिक दुष्कर्म कर उसे जलाकर मार डालने की घटना से देशभर में महिला सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। गुजरात में 48 घंटों के भीतर ही अलग-अलग शहरों में 3 नाबालिग किशोरियों से दरिंदगी हुई। बलात्कार की बढ़ती वारदातों पर लोग जहां पुलिस की नाकामयाबी गिना रहे हैं, वहीं पुलिस बच्चों और उनके अभिभावकों को सतर्क रहने की सलाह दे रही है। राज्य के तिरिक्त पुलिस महानिदेशक(ADGP) CID क्राइम (महिला सेल) के अधिकारी अनिल प्रथम ने भी संवेदनाएं जताते हुए बड़ी बात कही। अनिल ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिये गुजरात पुलिस ठीक से काम नहीं कर पा रही। पुलिस द्वारा अभी भी बहुत कुछ करना बाक़ी है।'
'अखबारों में रोज रेप की खबरें मिलती हैं'
बकौल अनिल,''मैं सुबह तीन अखबार पढ़ता हूं। पूरे भारत में बलात्कार से जुड़े खबरें पढ़ने को मिलती हैं। अभी हमारे प्रांत में भी कई वारदातें हो चुकी हैं। मैं हैरान हूं। सोचता हूं कि महिला सुरक्षा और महिला सशक्तीकरण भी मेरा दायित्व है। मेरा संवैधानिक कर्तव्य भी है कि मैं महिला सुरक्षा के लिए कदम उठाउूं। मैं 2012 से ADGP महिला प्रकोष्ठ का प्रमुख रहा हूं, हमने काफी सतर्कता बरती।''
'क्या महिला सशक्तीकरण प्राथमिकता में रहा'
अनिल ने कुछ और बातें भी अपने फेसबुक पर पोस्ट कीं। जिसमें उन्होंने महिलाओं की व्यथा पर अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों की आलोचना करते हुए कहा कि महिलाओं के सामने बढ़ते अपराध से निपटना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। घटनाओं से लगता है कि पुलिस ठीक तरह से काम नहीं कर रही। क्या महिला सशक्तीकरण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता में है? क्या उपरोक्त (वर्णित योजनाएं) शहरों और जिलों में पुलिस आयुक्त और पुलिस अधीक्षक के लिए पर्याप्त है? क्यों पुलिस उपरोक्त योजनाओं का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं करके नागरिकों के साथ अंतर पाटने में विफल रही?'
'राज्य सरकार ने इतना कुछ किया है'
उन्होंने कहा कि यह सच है, केंद्र और राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाओं (एसआईसी) के लिए भारी धनराशि दी है। गुजरात सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए कई योजनाएं लागू कीं। जिनमें 181 महिला सेल, महिला सुरक्षा, महिलाओं और बच्चों के लिए दोस्ती, महिलाओं के सामने अपराध के लिए खोजी इकाइयाँ, लिंग संसाधन केंद्र, सुरक्षा सेतु, गैर सरकारी संगठनों के साथ समन्वय और पुलिस स्टेशन आधारित सहायता केंद्र स्थापित हुए।'
'181 महिला हेल्पलाइन नंबर पर रहें एक्टिव'
''181 महिला हेल्पलाइन नंबर, हर जिले, तालुका और वार्ड स्तर पर सक्रिय है। इसी प्रकार, सुरक्षा सेतु योजना प्रत्येक जिले में सक्रिय है। इन योजनाओं में रूपयाजनता के कल्याण के लिए उपयोग किया जाता है।''
जानिए कौन हैं अनिल प्रथम
अनिल प्रथम 1989 बैच के एक आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने 2012 में पुलिस पदक और पिछले गुरुवार को राष्ट्रपति पदक प्राप्त किया। प्रथम ने कहा कि उनका मानना है कि गुजरात सरकार द्वारा महिला सशक्तीकरण के लिए चलाई गई योजनाओं और पहलों का विवेकपूर्ण उपयोग नहीं किया गया है।
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